Jharkhand News (दुर्जय पासवान, गुमला) : झारखंड के गुमला जिला अंतर्गत घाघरा प्रखंड के ईचा गांव निवासी सुनील लोहरा (29 वर्ष) व उसकी पत्नी आशापति देवी (32 वर्ष) दिव्यांग हैं. दंपती बीते 8 साल से नि:शक्त पेंशन के लिए सरकारी बाबुओं के कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इनकी मदद कोई नहीं कर रहा है. सबसे चौंकाने वाली बात है कि दंपती का पेंशन स्वीकृत कराने के नाम पर एक दलाल ने 4000 रुपये की ठगी कर ली.
दलाल ने कहा था कि दोनों का पेंशन स्वीकृत करा देंगे. इसके एवज में 4000 रुपये देने होंगे. कुली मजदूरी कर दंपती ने 4000 रुपये दलाल को घूस दिये. इसके बावजूद दिव्यांग दंपती का पेंशन स्वीकृत नहीं हुआ. थक- हारकर दंपती ने अब सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटना भी छोड़ दिया है. किसी प्रकार मजदूरी कर परिवार का जीविका चल रहा है.
दिव्यांग होने के कारण कई बार दंपती को मजदूरी का भी काम नहीं मिलता है. दिव्यांग सुनील के पिता सतीश महतो अपने परिवार की भूख मिटाने के लिए उत्तर प्रदेश के एक ईंट भट्ठे में काम करने गया है. वह मजदूरी कर जो पैसा कमाता है. वह अपने दिव्यांग बेटा व बहू के खर्च के लिए भेजता है. वहीं, सुनील की मां घर में रहती है. बेटा व बहू बोल नहीं पाते. इसलिए घर पर दोनों की देखभाल करती है और जरूरत पड़ने पर उनके कामों में मदद करती है.
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रविवार को मिशन बदलाव के जितेंद्र कुमार, शिव कौशल, विक्रम कुमार और संदेश उरांव ने ईचा गांव का दौरा किया. गांव के दौरा के क्रम में दिव्यांग दंपती की समस्या की जानकारी मिली. मिशन बदलाव ने घाघरा बीडीओ से वैसे लोगों को चिह्नित करने की मांग किया है जो लोग ब्लॉक में दलाली व बिचौलियागिरी कर गरीबों को लूटने का काम कर रहे हैं. साथ ही दिव्यांग दंपती की मदद करने की मांग की है.
Posted By : Samir Ranjan.