पटना. वायरल बुखार से किडनी के मरीजों की आफत और बढ़ गयी है. इन रोगियों को बुखार के बाद पेट में सूजन आ रहा है और जान तक चली जा रही है. डॉक्टरों ने लंबे समय से डायलिसिस करा रहे रोगियों को वायरल बुखार से हर संभव बचने की सलाह दी है.
शहर के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉ ओम कुमार का कहना है कि डायलिसिस करा रहे रोगी इम्यूनो कम्प्रोमाइज होते हैं यानी उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है. वायरल का संक्रमण उन्हें तगड़ा होता है.
संक्रमण और उससे होने वाली दूसरी दिक्कतें मरीज को अति गंभीर की श्रेणी में पहुंचा देती हैं. पीएमसीएच के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ हर्षवर्धन का कहना है कि शहर में करीब 1350 ऐसे मरीज हैं जो गुर्दा फेल रोगी है. जिनको अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से वायरल फीवर तेजी से बढ़ रहा है, उसमें किडनी फेल रोगियों को खास बचाव करना चाहिए.
मालूम हो कि वायरल की तरह दिख रहे इस रहस्यमय बुखार से अब बच्चों के अंगों पर भी असर दिखने लगा है. उनके दिल, लिवर फेफड़े और किडनी जैसे अंग प्रभावित हो रहे हैं. उनमें मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम जैसे लक्षण मिल रहे हैं. खास बात यह है कि इन बच्चों की जब कोविड की जांच की जाती है तो रिपोर्ट निगेटिव आ रही है.
Posted by Ashish Jha