पटना. हाल ही में बीपीएससी के माध्यम से 1241 असिस्टेंट इंजीनियरों का चयन किया गया. इनकी अब विभागों में नियुक्ति कर दी गयी. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इनमें से 1123 ने ज्वाइनिंग के लिए पथ निर्माण विभाग को पहला विकल्प चुना, जो कुल पदों का 90.49 फीसदी है.
वहीं, 65 ने ग्रामीण कार्य विभाग को अपनी पहली पसंद बताया. ग्रामीण कार्य विभाग के जिम्मे गांवों की सड़कों के निर्माण का दायित्व है. इस तरह दोनों विभागों को मिला दें तो ऐसे इंजीनियरों की संख्या करीब 96 फीसदी है.
शेष 53 असिस्टेंट इंजीनियरों में से 36 ने भवन निर्माण विभाग को पहला विकल्प ने दिया. सबसे अधिक 284 रिक्तियां जल संसाधन विभाग में हैं, लेकिन इस विभाग को पहला विकल्प सिर्फ 10 इंजीनियरों ने दिया. वहीं , योजना एवं विकास विभाग में 270 पद खाली हैं, लेकिन इस विभाग को भी सिर्फ छह ने पहली पसंद बताया. वहीं, पीएचइडी को सिर्फ एक ने पहला विकल्प दिया.
लघु जल संसाधन विभाग को किसी ने पहला विकल्प नहीं दिया, जबकि इसमें अभी 31 पद खाली हैं. यही नहीं, सात विभागों में से अंतिम विकल्प के तौर पर अधिकतर ने लघु जल संसाधन विभाग को चुना. पीएचइडी और योजना एवं विकास विभाग को भी अंतिम विकल्प देने वालों की लंबी लिस्ट है.
हाल के दिनों में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के रडार पर पथ निर्माण विभाग के ही इंजीनियर रहे हैं. दरभंगा में ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता के आवास से करीब 68 लाख रुपये व उनकी गाड़ी से 18 लाख रुपये जब्त किये गये थे.
इससे पहले पटना के पुनाईचक मोहल्ले से पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता के आवास से 65 लाख रुपये कैश बरामद किया गया था. इसके अलावा पिछले दिनों भी इस विभाग के इंजीनियरों के खिलाफ निगरानी की कार्रवाई हुई है.
Posted by Ashish Jha