23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र : अनंत ओझा ने बाढ़ पीड़ितों और नियोजन नीति को लेकर की ये मांग

भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका जैसे क्षेत्रीय भाषाओं को हटाकर नियोजन नीति के माध्यम से राज्य की बड़ी आबादी को तृतीय व चर्तुथ वर्ग के पदों से वंचित रखने का कुचक्र रचा गया है. साहिबगंज में बाढ़ पीड़ितों की राहत सामग्री में भेदभाव करते हुए की गई गड़बड़ी के दोषी कर्मचारियों पर विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की.

Jharkhand News, साहिबगंज न्यूज (नवीन कुमार) : झारखंड के राजमहल से बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने सोमवार को विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान झारखंड विधानसभा के बाहर धरना देकर साहिबगंज में बाढ़ पीड़ितों की राहत सामग्री में भेदभाव करते हुए की गई गड़बड़ी के दोषी कर्मचारियों पर विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की. सदन में शून्यकाल के दौरान इन्होंने जर्जर मुख्यमार्गों का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार अपने चुनावी घोषणा-पत्र के विपरीत नयी नियोजन नीति लायी है, जिससे प्रदेश के युवा अपने आप को छला हुआ महसूस कर रहे हैं.

श्री ओझा ने कहा कि झारखंड का एकमात्र जिला साहिबगंज जो प्राकृतिक आपदा बाढ़ से जूझ रहा है. मुख्यमंत्री ने स्वयं हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ पीड़ितों को न्याय दिलाने की बात कही थी. मगर 25 दिन बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन-अंचल प्रशासन दियारा क्षेत्र में नहीं पहुंचा, जबकि सरकार के आपदा सचिव जिले में जाकर दो दिनों तक कैम्प किये मगर बाढ़ पीड़ितों के साथ न्याय नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भेदभावपूर्ण तरीके से जिला प्रशासन, अंचल कार्यालय की ओर से बाढ़ राहत के नाम पर कार्य किया गया है, ये दुर्भाग्यजनक है. कहीं 25 किलो चावल, दाल, चीनी, चूड़ा, माचिस, गुड़ एवं अन्य सामग्री भरपूर मात्रा में दिया गया और जहां के लोग प्रभावित है, मां गंगा के गर्भ में बसे दियारा क्षेत्र के लोगों के साथ भेदभाव तरीके से बाढ़ राहत के नाम पर सिर्फ एक किलो चूड़ा, गुड़, चना दाल दिया गया.

Also Read: पलामू प्रमंडल के बिजली सब स्टेशन के उद्घाटन में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने दिया ये भरोसा

राजमहल विधायक अनंत ओझा ने शून्यकाल के माध्यम से साहिबगंज जिला मुख्यालय के मुख्य मार्ग मिर्जाचौकी- साहिबगंज- राजमहल एवं साहिबगंज -बोरियों- बरहेट- लिट्टीपाड़ा तक एडीबी जर्जर सड़कों का मामला उठाया. विधायक श्री ओझा ने कहा कि मुख्यमार्ग बिल्कुल खस्ताहाल है. आवागमन करना काफी मुश्किल हो गया है. उन्होंने अविलंब मरम्मत एवं निर्माण कराने की मांग सरकार से की.

Also Read: झारखंड विधानसभा में गूंजा जय श्री राम, नमाज के लिए कमरा आवंटन के विरोध में बीजेपी विधायकों का कीर्तन

नियोजन नीति जैसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय पर सदन के अंदर चर्चा कराने की मांग की. विधायक श्री ओझा ने कार्यस्थगन के माध्यम से सदन को जानकारी दी कि राज्य में वर्तमान नियोजन नीति में कई प्रकार के विरोधाभास होने के कारण प्रदेश के युवाओं में आक्रोश है. झारखंड सरकार अपने चुनावी घोषणा-पत्र के विपरीत नयी नियोजन नीति लायी है, जिससे प्रदेश के युवा अपने आप को छला हुआ महसूस कर रहे हैं. जहां एक ओर उर्दू को बरकरार रखते हुए राष्ट्रीय भाषा हिन्दी की उपेक्षा की गयी है, वहीं राज्य की क्षेत्रीय भाषा को लेकर भी साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा, देवघर, गढ़वा, पलामू, धनबाद, बोकारो यथा राज्य के अधिकतर जिलों के युवाओं में असंतोष है. भोजपुरी, मगही, मैथिली, अंगिका जैसे क्षेत्रीय भाषाओं को हटाकर नियोजन नीति के माध्यम से राज्य की बड़ी आबादी को तृतीय और चर्तुथ वर्ग के पदों से वंचित रखने का कुचक्र रचा गया है.

Also Read: Jharkhand Monsoon Session LIVE : झारखंड विधानसभा में बीजेपी ने की नियोजन नीति रद्द करने की मांग

Posted By : Guru Swarup Mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें