Jharkhand News रांची : राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक ( National Bank for Agriculture and Rural Development ) (नाबार्ड ) ( nabard ) खेतिहर मजदूरों और छोटे किसानों की मदद के लिए ज्वाइंट लाइबलिटी ग्रुप (जेएलजी) का दायरा अब बढ़ाने जा रही है. इससे इन्हें अब आसानी से बैंकों से छोटे कर्ज मिल सकेंगे. इसके तहत सरकारी बैंकों के साथ ही निजी और एनबीएफसी (छोटे स्तर के बैंक) को भी शामिल करने को लेकर उनके साथ एग्रीमेंट किया जायेगा.
हाल ही में राज्य में जेएलजी का विस्तार करते हुए तीन नये बैंकों के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी किये गये हैं. इसके तहत प्रोत्साहन के तौर पर हर जेएलजी को चार हजार रुपये का ग्रांट भी दिया जाना है. जेएलजी योजना झारखंड जैसे राज्यों के लिए बेहद फायदेमंद है, जहां औसत जोत कम हो रहे हैं और छोटे किसानों की संख्या बढ़ रही है.
जेएलजी आम तौर पर गांव के चार से अधिकतम 20 गणमान्य लोगों का एक समूह है, जिसमें ये सभी लोग अकेले या आपसी गारंटी पर समूह के नाम पर बैंक से ऋण ले सकते हैं. इसका उद्देश्य है कि पैसों की तंगी से जूझ रहे छोटे और सीमांत किसानों को ऋण और वित्तीय मदद दी जा सके. ऐसे लोग बिना कागज के ऋण नहीं मिल पाने के कारण साहूकारों से ऊंचे ब्याज पर ऋण लेने को विवश हो जाते हैं.
फिलहाल राज्य में 17 छोटे-बड़े बैंक इस दिशा में काम कर रहे हैं. राज्य के छोटे बंटाइदारों, मौखिक पट्टेदारों और खेतिहर मजदूरों जैसे छोटे किसानों को स्थानीय स्तर पर ही संस्थागत ऋण मुहैया कराने के लिए एचडीएफसी के साथ ही झारखंड में कुछ अन्य एनबीएफसी से भी एग्रीमेंट पर बातचीत चल रही है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए नाबार्ड ने 3000 जेएलजी फाइनेंस का लक्ष्य निर्धारित किया है.
Posted By : Sameer Oraon