13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Exclusive: चोट की वजह से किक बॉक्सिंग और रनिंग बन्द थी सिर्फ वेट ट्रेनिंग करते थे सिद्धार्थ- सोनू चौरसिया

टीवी के पॉपुलर एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की मौत के बाद उनकी फिटनेस रूटीन पर सवाल उठने लगे हैं. चर्चाएं हैं कि हेक्टिक लाइफस्टाइल और हैवी वर्कआउट का कीमत सिद्धार्थ शुक्ला को चुकानी पड़ी हैं लेकिन सिद्धार्थ के जिम ट्रेनर सोनू चौरसिया इन चर्चाओं को सिरे से नकारते हैं.

टीवी के पॉपुलर एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला की मौत के बाद उनकी फिटनेस रूटीन पर सवाल उठने लगे हैं. चर्चाएं हैं कि हेक्टिक लाइफस्टाइल और हैवी वर्कआउट का कीमत सिद्धार्थ शुक्ला को चुकानी पड़ी हैं लेकिन सिद्धार्थ के जिम ट्रेनर सोनू चौरसिया इन चर्चाओं को सिरे से नकारते हैं. वे साफ तौर कहते हैं कि सिद्धार्थ बहुत ही हेल्थी लाइफस्टाइल फॉलो करते रहे हैं. वे जिम में रेगुलर थे. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश

सिद्धार्थ अब हमारे बीच नहीं रहे यह खबर कितना टफ आपके लिए रहा?

मुझे कल राहुल वैद्य ने सुबह साढ़े नौ बजे के करीब फ़ोन कर इस बारे में बताया था. वे मेरे जिम में आते हैं. मुझे ये खबर पूरी तरह से गलत लगी. मैंने कहा कि सोशल मीडिया पर ऐसे ही किसी को भी मार देते हैं. ये अफवाह है. राहुल वैद्य के बाद राहुल महाजन का मुझे फ़ोन आया तब मालूम हुआ ये हकीकत में हुआ है. मेरे पैरों तले जमीन ही निकल गयी ऐसा लगा. सच कहूं तो मैं मान ही नहीं पा रहा हूं कि सिद्धार्थ को हार्ट अटैक हो सकता है. जिस तरह के वो फिट इंसान हैं.उन्हें हार्ट अटैक कैसे हो सकता है. मैं समझ ही नहीं पा रहा हूं.

आखिरी बार वो आपके जिम में कब आए थे?

वे 25 अगस्त को मेरे जिम में आखिरी बार आए थे. मेरे अस्सिटेंट के साथ उन्होंने 20 मिनट वर्कआउट किया और फिर ये बोलकर निकल गए कि मेरा मन नहीं है. सोनू आएगा तो करूंगा. मैं भोपाल एक फ़िल्म की शूटिंग में गया था. मैं 24 अगस्त को उनसे आखिरी बार मिला था. उस दिन मेरा जन्मदिन भी था तो उन्होंने मुझे गले लगाया और हमने साथ में वर्कआउट किया था. वो उस दिन एकदम ठीक लग रहे थे.

खबरें आ रही हैं कि अपनी चोट के बावजूद वो आराम करने के बजाय हैवी वर्कआउट कर रहे थे?

ये खबर पूरी तरह से गलत है. वे अपनी चोट का पूरा ख्याल रख रहे थे. एंटीबायोटिक दवाइयों का पूरा कोर्स कर रहे थे. डेढ़ महीने पहले उनके पैर में मोच आयी थी. लेफ्ट पैर में उनको दर्द बरकरार था. जिसका कोकिलाबेन अस्पताल में इलाज चल रहा था. चोट के बाद पंद्रह से बीस दिन तक उन्होंने वर्कआउट पूरी तरह से बंद कर दिया था. फिर हमने सुबह सिर्फ वेट ट्रेनिंग शुरू की. पहले हमारा किक बॉक्सिंग का भी सेशन होता था लेकिन जब से उनके पैर में चोट लगी वो बन्द हो गया था. सिद्धार्थ शाम में अपने बिल्डिंग की कंपाउंड में रनिंग करते थे. वो भी चोट की वजह से बंद था. हम सिर्फ सुबह वेट ट्रेनिंग करते थे. सिद्धार्थ अपने फिटनेस का ख़ास ख्याल रखते थे. यह इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि रात को सोने से पहले वो मुझे कॉल करते थे हर दिन की सुबह कितने बजे वो जिम आएंगे. वो हर दिन दस बजे सुबह जिम पहुँच जाते थे. वर्कआउट के साथ साथ डाइट पर भी वह विशेष ध्यान देते थे. घर का खाना ही उनकी प्राथमिकता होता था.

सिद्धार्थ को बहुत गुस्सा आता था क्या उनके इस स्वभाव की वजह से आपको कभी परेशानी हुई?

मेरे सामने उन्होंने कभी गुस्सा नहीं किया है . वो स्ट्रेट फारवर्ड इंसान थे. जो दिल में बात है वो मुंह पर है. ये मैं जानता हूं. मेरे से वह बहुत हंसी मजाक और टांग खिंचाई वाला उनका रिश्ता था. दो घंटे वर्कआउट के बाद हम ज़िन्दगी उससे जुड़ी अलग अलग पहलुओं पर बात करते थे. मैं ओशो की शिक्षा को मानता हूं. सिद्धार्थ ब्रह्कुमारी को तो हम आपस में इन विषयों पर भी बात करते थे. ज़िन्दगी को लेकर उनका अलग नज़रिया था. मैं अक्सर इस बात को सभी को कहता हूं कि खून का रिश्ता टिके या ना टिके पसीने का रिश्ता ज़रूर टिकता है. सिद्धार्थ और मेरा पसीने का रिश्ता था. वो मेरे भाई जैसे दोस्त थे. कई सालों की हमारी दोस्ती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें