लालू प्रसाद यादव(Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे व हसनपुर के विधायक तेज प्रताप यादव (Tej pratap yadav) की मुश्किलें बढ़ सकती है. पटना हाईकोर्ट ने चुनाव के दौरान संपत्ति का सही ब्यौरा नहीं देने के एक मामले में सुनवाई करते हुए नया आदेश दिया है. दोनों पक्षों को विवादित बिंदुओं को रिकॉर्ड पर रखने का आदेश दिया गया है.
तेज प्रताप यादव समस्तीपुर जिला में हसनपुर विधानसभा से विधायक चुने गये हैं. लेकिन लालू यादव के बड़े बेटे के निर्वाचन को हसनपुर में उनके प्रतिद्वंदी उम्मीदवार रहे विजय कुमार यादव ने चुनौती दी है. तेजप्रताप यादव के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई कर रहे जज वीरेंद्र कुमार की एकल पीठ ने दोनों पक्षों को अपना-अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है.
न्यायमूर्ति ने विवादित बिंदुओं पर दोनों पक्षों के जवाब को रिकॉर्ड पर रखने का आदेश दिया है. वहीं 30 सितंबर को इश्यू सेटलमेंट करने का भी निर्देश दिया गया. बता दें कि इश्यू सेटेलमेंट होने के बाद गवाही की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. बता दें कि पिछले साल 2020 में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में तेजप्रताप यादव ने 16 अक्टूबर को अपना नामांकन दाखिल किया था.
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि तेज प्रताप यादव ने चुनाव के दौरान अपनी संपत्ति का सही ब्यौरा नहीं दिया था. उनपर जानबूझकर संपत्ती की जानकारी छिपाने का आरोप लगाया गया है. जबकि जनप्रतिनिधि कानून की धारा 123 (2) के तहत उम्मीदवार को अपनी संपत्ति की सही- सही जानकारी देनी होती है. नामांकन के दौरान जो उम्मीदवार सही जानकारी नहीं देंगे, उसे करप्ट प्रैक्टिस माना जाता है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan