गुमला : परमवीर अलबर्ट एक्का स्टेडियम गुमला का शौचालय बंद है. यहां ड्रेसिंग रूम भी नहीं है. जिस कारण बालिका खिलाड़ियों को परेशानी हो रही है. मजबूरी में स्टेडियम में बने खेल विभाग के कार्यालय के बरामदे में लड़कियों को छिप कर कपड़ा बदलना पड़ता है. वहीं शौचालय बंद रहने के कारण लड़कियों को पुराने भवन या झाड़ियों को यूरिनल के रूप में उपयोग किया जाता है.
अगर इमरजेंसी हो जाये तो फिर अभ्यास बंद कर खिलाड़ियों को ग्राउंड से बाहर निकलना पड़ता है. कई बार लड़कियों ने स्टेडियम के शौचालय को सुबह व शाम को खोलने की मांग की है. ताकि अभ्यास के दौरान बालिका खिलाड़ी शौचालय का उपयोग कर सके. साथ ही इसी शौचालय का उपयोग ड्रेसिंग रूम के रूप में कर सके. परंतु प्रशासन इन लड़कियों को मान सम्मान देने की पहल नहीं कर रहा है. लड़कियों के अलावा लड़कों को भी परेशानी होती है.
परंतु बालक खिलाड़ी स्टेडियम के कोने या फिर बाहर में सुनसान जगह खड़ा होकर हल्का होते हैं. यहां बता दें कि स्टेडियम में हर दिन करीब 50 बालिका व 100 से अधिक बालक खिलाड़ी अभ्यास करते हैं. खिलाड़ियों के साथ वर्दी मेरा जुनून द्वारा चलाये जा रहे प्रशिक्षण में भी दर्जनों लड़कियां पुलिस में जाने का प्रशिक्षण ले रही हैं. इन लड़कियों को भी परेशानी होती है. रेखा उरांव, ममता कुमारी, पूजा कुमारी व मनीषा लकड़ा ने गुमला प्रशासन से बंद पड़े शौचालय को खोलने की मांग की है.
या फिर शौचालय की चाबी खेल विभाग के किसी कर्मचारी को सौंपने की मांग की है. ताकि सुबह को शौचालय का दरवाजा खोल दे. जिसका उपयोग लड़कियां कर सके. वर्दी मेरा जुनून की लड़कियों ने बताया कि वे सभी 5 से 10 किमी की दूरी तय कर गुमला स्टेडियम में अभ्यास करने आती हैं. फिजिकल ट्रेनिंग में भाग लेती हैं. परंतु शौचालय बंद रहने से परेशानी होती है.