नेपाल के तराई इलाके में हो रही लगातार बारिश के कारण गंडक समेत क्षेत्र की पहाड़ी नदियों में बाढ़ आ गया है. वीटीआर के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने से वन्यजीवों पर भी खतरा बढ़ता जा रहा है. जंगली जानवरों की बाढ़ के पानी से निगरानी के लिए वाल्मीकिनगर और मदनपुर वन क्षेत्र में वनकर्मियों की तैनाती कर दी गयी है.
बताते चलें कि गंडक, भपसा, मनोर व झिकरी आदि पहाड़ी नदियों का पानी मदनपुर वन क्षेत्र के नौरंगिया, सिरसिया, वाल्मीकिनगर के भेड़िहारी, चुलभट्ठा, गोनौली व हरनाटांड़ वन क्षेत्र के कई क्षेत्रों में पानी फैल गया है. जबकि गंडक नदी का पानी उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती गांव रजही, मुजही कांटी आदि क्षेत्रों में फैल जाने से वन्यजीव असुरक्षित महसूस करने लगे हैं.
ज्ञात हो कि वाल्मीकिनगर व मदनपुर का वन क्षेत्र गंडक नदी के किनारे से होकर गुजरी है. ऐसे में जंगली जानवर इस बाढ़ के पानी में बह कर रिहाइशी इलाके की ओर चले जाते हैं और ऊचे स्थान तलाश में भटकते रहते हैं.
वहीं मदनपुर वन क्षेत्र के प्रभारी वन क्षेत्र अधिकारी अमिता राज ने बताया कि वन व वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर टीटी, पीपी वनकर्मियों की टीम का गठन गश्ती कराया जा रहा है. वहीं टीम में तैराक दल के जवानों को भी शामिल किया गया है. जो नाव के सहारे इन जानवरों की निगरानी करने में लगे हुए हैं
Also Read: बिहार से अब विदेश के लिए सीधी उड़ान की तैयारी, मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम नीतीश कुमार को लिखा पत्र!बताते चलें कि बिहार में गंगा, बागमती बूढ़ी गंडक में ऊफान लगातार जारी है. तीनों नदियों का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से ऊपर है. पिछले 24 घंटे से जारी बारिश के कारण नदियों के जलस्तर में बढोतरी की संभावना जतायी जा रही है़ हायाघाट में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 64 सेंटीमीटर ऊपर है. वहीं बूढ़ी गंडक रोसड़ा में खतरे के निशान से 98 सेंटीमीटर ऊपर है.
इनपुट : इजरायल अंसारी