पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातीय जनगणना के संबंध में सबकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना, अब निर्णय लेने का हक उनका है. यह केवल बिहार का मामला नहीं है, बल्कि देशभर की बात है. यह बात सिर्फ बिहार से नहीं उठ रही, बल्कि सभी राज्यों से यह बात उठ रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद यही लग रहा है कि वह गंभीरतापूर्वक विचार कर निर्णय लेंगे. अभी जनगणना शुरू होने वाली है. एक बार जरूर जातीय जनगणना करा लेनी चाहिए. इससे सभी लोगों को लाभ होगा और सरकार को भी पूरी जानकारी मिलेगी कि किस जाति समूह की कितनी जनसंख्या है.
यह बात लोकहित और देशहित में है. मुख्यमंत्री मंगलवार को नयी दिल्ली से पटना लौटने के बाद एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात कर रहे थे. वहीं पटना एयरपोर्ट और बिहार की कुछ सड़कों के निजीकरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पटना एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर हमलोगों ने हर तरह से सहयोग किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था. उन्होंने सोमवार को सुबह 11 बजे मिलने का समय दिया था. हमलोगों का एक साथ रिजोल्यूशन हुआ था, इसलिए विधानसभा और विधान परिषद में 10 दलों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री से मिलने गये. बिहार के सभी दल इस मामले में एकजुट हैं.
प्रधानमंत्री से करीब 40-45 मिनट बात हुई. सभी लोगों ने अपनी-अपनी बात रखी. पीएम ने ध्यानपूर्वक सबकी बातें सुनीं. हमने कहा कि यह जनहित और सरकार के हित में है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में ही 1931 में जातीय जनगणना हुई थी. उसको मानकर चला जाता है, यह उचित नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलने के लिए नयी दिल्ली जाने से पहले पत्र भेजकर उनसे मिलने का समय मांगा था. उस पत्र के साथ ही 2019 में विधानसभा व विधान परिषद सहित 2020 में विधानसभा द्वारा पारित प्रस्तावों और जातीय जनगणना करवाने संबंधी आवेदन पत्र भी भेज दिया था.
Posted by Ashish Jha