UP Politics: कांग्रेस के विधान परिषद दल के नेता दीपक सिंह (MLC Deepak Singh) ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 2019 में प्रयागराज में आयोजित हुए कुंभ मेले (Kumbh) में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया. यह घोटाला यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला है. सरकार ने इसमें लिप्त भ्रष्टाचारियों को ढाई साल का समय दिया. यदि सही समय पर सरकार ने काम किया होता तो आज कई मंत्री और अधिकारी जेल में होते.
दीपक सिंह ने कहा कि 2019 में भी कुंभ में हुए भ्रष्टाचार पर सवाल उठे, लेकिन प्रदेश सरकार ने धर्म की आड़ के सहारे इसे ढक दिया. वहीं सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट ने अब सरकार के दावों की पोल खोलकर रख दी.
कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह के मुताबिक, हमने कुंभ के आयोजन में किये गये घोटाले की तरफ प्रदेश सरकार का ध्यान आकर्षण सदन में भी किया था, लेकिन सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. उसने भ्रष्टाचारियों को पूर्ण संरक्षण प्रदान किया. अब नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक यानी कैग (CAG) की ऑडिट रिपोर्ट ने भाजपा की योगी सरकार के पारदर्शिता के झूठ को बेनकाब कर दिया है.
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दीपक सिंह ने कहा कि कहा कि कुंभ मेले के लिए 2743.60 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे. इसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ. कुंभ मेले में जिन 32 ट्रैक्टरों को खरीदा गया, उनके रजिस्ट्रेशन नंबर मेल नहीं खाते. ट्रैक्टर की जगह कार, स्कूटर और मोपेड के नंबर पंजीकृत हैं. उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट में विभिन्न विभागों से कुम्भ के लिए आवंटित बजट पर सवाल खड़ा किया गया है. कुंभ मेला अधिकारी ने विभागों के बजट खर्चे की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है, जिससे उस बजट के खर्चे का विवरण ही नहीं मिल सका.
कांग्रेस एमएलसी ने कहा कि कुम्भ मेले में आपदा राहत कोष से गृह (पुलिस) विभाग को 65.87 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया, जिस पर भी कैग ने सवाल उठाया है. कैग का कहना है कि आपदा राहत कोष का उपयोग तो आपदा की स्थितियों में होता है. ऐसे में आवंटित धन का अपव्यय हुआ. उन्होंने कहा कि पुलिस ने10 ड्रोन कैमरे 32 लाख 50 हजार रुपये में खरीदे थे, लेकिन इन इस्तेमाल नहीं किया गया. कुंभ में आये हुये श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ एक बड़ा खिलवाड़ किया गया. यदि कोई अप्रिय घटना घटित हो जाती तो कितना बड़ा हादसा होता?
Posted by : Achyut kumar