पटना. राज्य के बहुचर्चित सृजन घोटाला मामले में राज्य सरकार ने दो अफसरों पर मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी है. इनमें भागलपुर के तत्कालीन डीसीएलआर (जिला भू-अर्जन पदाधिकारी) वीरेंद्र कुमार मिश्रा और जयश्री ठाकुर शामिल हैं. जयश्री ठाकुर पर दूसरा मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है.
सृजन घोटाले में यह पहला वाकया है, जब किसी पदाधिकारी पर दो मामले दर्ज किये गये हैं. जयश्री ठाकुर पर अब तक करीब 230 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप साबित हुआ है. ये रुपये कैश के अलावा चेक से भी निकाले गये हैं.
इसमें सिर्फ एक चेक से 75 करोड़ से ज्यादा की निकासी की गयी है. सीबीआइ की जांच रिपोर्ट में जिन-जिन अफसरों को आरोपित बताया गया है, राज्य सरकार के स्तर पर उसकी समीक्षा करने के बाद उन पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया जा रहा है.
अब तक 11 पदाधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश सरकार जारी कर चुकी है. इसके अलावा तीन अधिकारी ऐसे भी हैं, जिन पर जल्द ही मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी होने जा रहा है. इनमें एक आइपीएस अधिकारी भी शामिल हैं. अब तक जिन 11 अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया गया है, उनमें दो आइएएस अधिकारी भी शामिल हैं.
इनमें कुछ पदाधिकारी अभी जेल में हैं, जबकि कुछ को जमानत मिली हुई है. जिन दो आइएएस अधिकारियों के नाम इस घोटाले में आये हैं और उन पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया गया है, उनमें सेवानिवृत्त अधिकारी केपी रमय्या और भागलपुर के तत्कालीन डीएम वीरेंद्र कुमार यादव शामिल हैं. इस मामले में फिलहाल दोनों अधिकारी जमानत पर हैं.
अब तक जिन पदाधिकारियों पर मुकदमा दर्ज हुआ है, उसमें सबसे ज्यादा पैसे का घोटाला जयश्री ठाकुर के कार्यकाल में हुआ है. इनसे कई लोगों ने भी घोटाले के पैसे में हिस्सेदारी ली है. फिलहाल इन लोगों पर जांच चल रही है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
सहायक के पद पर कार्यरत इनका एक सबसे करीबी कर्मी का नाम प्रमुखता से सामने आया है, जिसने सबसे ज्यादा पैसे बनाये हैं. बताया जा रहा है कि बांका में उसका एक बहुमंजिला कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स भी है. फिलहाल वह फरार चल रहा है, लेकिन जल्द ही उसके गिरफ्तार होने की संभावना है.
जयश्री ठाकुर (केस नंबर-ए0013 एवं ए0009), सहरसा के पूर्व डीसीएलआर कृष्ण कुमार, भागलपुर के तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार, भागलपुर के तत्कालीन डीएम वीरेंद्र कुमार यादव, तत्कालीन डीसीएलआर मनोज कुमार, तत्कालीन डीसीएलआर रंजन प्रसाद शाययार, तत्कालीन डीसीएलआर बीरेंद्र कुमार मिश्रा, भागलपुर के ही तत्कालीन नजारत उपसमाहर्ता विजय कुमार, पूर्व डीएम केपी रमय्या और एक प्रोमोटेड आइएएस अधिकारी, जो उपसमाहर्ता के पद पर भागलपुर में तैनात थे.
Posted by Ashish Jha