Afghanistan/G7 leaders/Taliban : अफगानिस्तान में तालिबान के राज को लेकर अमेरिका और उसके अन्य सहयोगी देशों की ओर से मंगलवार को यानी आज कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. तालिबान को दुनिया में अलग-थलग करने के लिए तमाम तरह के प्रतिबंध लागू करने का काम किया जाएगा या फिर उसे मान्यता मिलेगी, यह फैसला आज की बैठक में हो सकता है. इधर अफगानिस्तान संकट पर विचार विमर्श के लिए जी 7 देशों की आपात बैठक से पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि तालिबान को उसके शब्दों से नहीं बल्कि उसके कर्मों से जांचने का काम हम करेंगे.
यहां चर्चा कर दें कि ऑनलाइन आयोजित की जा रही इस बैठक की अध्यक्षता ब्रिटेन कर रहा है. ब्रिटने के प्रधानमंत्री कार्यालय ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ ने कहा कि मंगलवार को इस बैठक में जॉनसन जी 7 देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका के नेताओं को अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़े रहने और शरणार्थियों के लिए सहयोग तथा मानवीय सहायता जारी रखने की मांग करेंगे.
माना जा रहा है कि इस बैठक में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री मानवाधिकारों की रक्षा और क्षेत्र में स्थिाइत्व के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से सहायता तथा जरूरतमंदों के पुनर्वास पर ब्रिटेन की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की भी अपील करेंगे. जॉनसन ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता हमारे नागरिकों और पिछले बीस वर्षों से हमें सहयोग करने वालों को सुरक्षित निकालने के अभियान को पूरा करना है,लेकिन जब हम इसके बाद के चरण की ओर देखते हैं तो ‘यह जरूरी है कि हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के तौर पर साथ आएं और दीर्घकालिक संयुक्त प्रक्रिया के लिए सहमत हों.
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उन्होंने कहा कि इसी लिए हमने जी7 की आपात बैठक बुलाई है. हम अपने सहयोगियों और साझेदारों के साथ मानवाधिकारों की रक्षा और दो दशकों में की गई प्रगति को बनाए रखने के लिए सभी मानवीय और राजनीतिक माध्यमों का इस्तेमाल जारी रखेंगे. तालिबान को उसकी बातों के बजाए कर्मों से जांचा जाएगा. यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए की जाएगी और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) तथा संयुक्त राष्ट्र महासचिव से भी बैठक में शामिल होने का आग्रह किया गया है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar