Tokyo Paralympic 2020 : ओलिंपिक के बाद अब दुनिया की निगाहें मंगलवार (24 अगस्त) से शुरू हो रही पैरालिंपिक खेलाें पर हैं. पांच सितंबर तक चलनेवाले इन खेलों में इस बार भारत की ओर से 9 इवेंट्स में 54 पैरा एथलीट शिरकत कर रहे हैं. पैरालिंपिक में भारत का यह अब तक का सबसे बड़ा दल है. पैरालिंपिक खेलों की शुरुआत 1960 में हो गयी थी, लेकिन भारत ने तेल अवीव पैरालिंपिक (1968) में पहली बार भाग लिया था. 1984 के पैरालिंपिक से भारत इन खेलों में लगातार भाग लेता आया है.
अब तक भारत ने 11 पैरालिंपिक खेलों में हिस्सा लिया है. इस दौरान भारतीय खिलाड़ियों ने चार स्वर्ण, चार रजत और चार कांस्य पदक जीते हैं. इनमें से 10 पदक एथलेटिक्स में हासिल हुए हैं. भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2016 के रियो पैरालिंपिक में रहा था, जहां उसने दो स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीते थे. तोक्यो में भारतीय पैरा एथलीट टेबल टेनिस, तैराकी, तीरंदाजी, केनोइंग, एथलेटिक्स, निशानेबाजी, बैडमिंटन, पावरलिफ्टिंग और ताइक्वांडो इवेंट में भाग लेंगे. इस दौरान भारतीय फैंस की नजरें मरियप्पन थंगावेलु (ऊंची कूद), देवेंद्र झाझरिया (जैवलिन थ्रो), प्रमोद भगत (बैडमिंटन) और सुमित अंतिल (जैवलिन थ्रो) जैसे खिलाड़ियों पर होंगी.
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देवेंद्र झाझरिया से भाला फेंक में तीसरे गोल्ड मेडल की उम्मीद है. उन्होंने 2016 के रियो पैरालिंपिक में 63.97 मीटर दूर भाला फेंक कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था. 2004 के एथेंस पैरालिंपिक में भी गोल्ड जीता था. झाझरिया ने तोक्यो पैरालिंपिक के क्वालिफाइंग इवेंट में 65.71 मीटर दूर भाला फेंक अपना ही वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा. मंगलवार को उद्घाटन समारोह में भारतीय दल के ध्वजवाहक मरियप्पन थंगावेलु होंगे.
इस बार भारत के 54 खिलाड़ी तोक्यो पैरालिंपिक में हिस्सा ले रहे हैं. भारत की ओर से पैरालिंपिक खेलों में हिस्सा लेनेवाला यह अब तक का सबसे बड़ा दल है. 2020 के रियो पैरालिंपिक के दौरान भारत ने पांच खेलों के लिए सिर्फ 19 खिलाड़ियों का दल भेजा था. लेकिन, तोक्यो पैरालिंपिक में भारतीय एथलीट नौ अलग-अलग खेलों में भाग ले रहे हैं. इसे देखते हुए इस बार भारतीय पैरालिंपिक खिलाड़ियों से 10 से ज्यादा मेडल जीतने की उम्मीद है.