कोरोना से पटना एम्स में बंद पड़े ट्रॉमा सेंटर को फिर से खोलने का निर्णय लिया जा चुका है. एम्स प्रशासन ने अस्पताल के कोविड वार्ड में घटते कोरोना मरीज और बड़ी संख्या में खाली पड़े बेड को देखने के बाद एक बैठक में यह फैसला लिया गया.
एक सप्ताह के भीतर ट्रॉमा सेंटर के कुछ सामान्य वार्ड व आइसीयू वार्ड हादसा पीड़ितों के इलाज के लिए खोल दिये जायेंगे. इसके बाद गंभीर सर्जरी की सुविधा भी धीरे-धीरे शुरू कर दी जायेगी. सेंटर खोलने के लिए डॉक्टरों व नर्सों की टीम तैयार कर ली गयी है. यहां तक की अब रोस्टर चार्ट भी तैयार किया जा रहा है.
एम्स के डायरेक्टर डॉ पीके सिंह का कहना है कि ट्रॉमा सेंटर में अभी आंशिक रूप से हादसा पीड़ितों का इलाज शुरू किया जायेगा. सेंटर में मरीजों को भर्ती लेने का काम शुरू हो जायेगा. इसके अलावा रूटीन ऑपरेशन चालू रहेंगे, गंभीर व जटिल ऑपरेशन भी ऑपरेशन थियेटर में शुरू किया जायेगा. ट्रॉमा इमरजेंसी में इलाज के बाद मरीज को ट्रॉमा सेंटर में लाकर भर्ती किया जायेगा.
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रविवार की शाम एम्स के कोविड वार्ड में कोरोना के सिर्फ एक मरीज ही भर्ती था. यहां उपलब्ध करीब 234 बेड में 223 बेड खाली थे. कुल उपलब्ध बेड का 99 प्रतिशत खाली होने के बावजूद यहां ट्रॉमा के मरीजों के लिए सुविधा शुरू नहीं की जा सकी है. ऐसे में कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर व नर्स भी खाली रहते हैं. हालांकि धीरे-धीरे कोविड वार्ड में डॉक्टरों की ड्यूटी की संख्या को कम कर दिया गया था. जानकारों की मानें तो इलाज नहीं होने की वजह से रोजाना पांच से 10 ट्रॉमा के मरीजों को लौटना पड़ता है. आम मरीजों की मांग पर जूनियर व सीनियर डॉक्टरों ने भी एम्स प्रशासन से जल्द ट्रॉमा सेंटर खोलने की मांग की है.
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का सिलसिला कोविड अस्पताल बनने के बाद से लगातार कायम था.रविवार को सुखद बात यह रही कि अस्पताल में एक भी संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan