अब बहुत जल्द कॉमर्शियल लाइसेंस की तरह निजी ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने में भी मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का सर्टिफिकेट देना होगा. इसके लिए परिवहन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके बाद डीएल बनवाना और भी महंगा हो जायेगा. फिलहाल शुल्क कितना होगा, यह तय नहीं हुआ है.
अभी निजी दो पहिया व चौपहिया गाड़ी चलाने के लर्निंग लाइसेंस का शुल्क 740 रुपये है और इसके बाद फाइनल लाइसेंस के चालान शुल्क 2300 रुपये है. ट्रेनिंग सर्टिफिकेट लागू होने के बाद वाहन चालक को ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के लिए अलग से शुल्क अदा करना होगा. बताते चले कि मुजफ्फपुर जिले में परिवहन विभाग का अधिकृत एक मात्र ट्रेनिंग स्कूल है, जहां चालकों को लर्निंग लाइसेंस लेने के बाद फाइनल लाइसेंस के आवेदन से पहले इस सर्टिफिकेट को लेना अनिवार्य होगा.
वहीं परिवहन विभाग की ओर से बेला में बीएसआरटीसी के जमीन में अपना ड्राइविंग ट्रेनिंग ट्रैक निर्माण के लिए में 1.65 करोड़ का डीपीआर तैयार हो चुका है. लेकिन उसमें कुछ तकनीकि पेच के कारण निर्माण शुरू नहीं हो सका है. हाल ही में सड़क सुरक्षा कमेटी की जो टीम आयी थी वह निजी ट्रेनिंग स्कूल के मनियारी रोड स्थित अर्द्धनिर्मित ट्रैक को देखा. जिससे वह संतुष्ट नहीं थी.
इधर निजी ड्राइविंग लाइसेंस में ट्रेनिंग सर्टिफिकेट लागू करने के मामले में डीटीओ लाल ज्योतिनाथ शाहदेव ने बताया कि इसे लागू नहीं किया गया, लेकिन इसकी तैयारी चल रही है. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य यही है कि चालक को फाइनल लाइसेंस देने से पूर्व गाड़ी चलाने का सही से प्रशिक्षण दिया जा सके
Posted By : Avinish Kumar Mishra