Jharkhand News, हजारीबाग न्यूज (संजय सागर) : झारखंड के हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड के विभिन्न गांवों में हाथियों ने दर्जनों घर तोड़े. लाखों रुपए की फसल व अनाज को नष्ट कर दिया. मिली जानकारी के अनुसार फटरिया पानी अरविंद खलको, रूपन खालको एवं किरण तिर्की के घर को तोड़कर हाथी घर में रखे 5 क्विंटल चावल, 3 क्विंटल गेहूं खा गए. हाथियों के कोरिडोर बड़कागांव रेंज में लोगों की जान जोखिम में है.
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इतना ही नहीं अरविंद खलखो एवं रूपन खलको के घर में रखे गए महुआ को भी चट कर गए. इसके बाद ग्राम कुंदरू में टेकन गंझू, मोहन गंझू, मार्कस गंझू एवं सुनील तिर्की के घर को तोड़ डाले. इसके 2 दिन पहले ग्राम अलगदीहा में याकूब मियां के धान एवं केला का फसल, फारूक अंसारी का चारदीवारी, जुम्मन अली का घरेलू सामान एवं अनाज, अफरोज आलम का मकई का फसल एवं चहारदीवारी, सलीम मियां का चहारदीवारी एवं गेट, मुजाहिर अंसारी का चहारदीवारी का तोड़फोड़ करते हुए मक्का का फसल रौंदा डाला.
महुगाई कला -चंदौल पथ स्थित दिनेश साव का चहारदीवारी एवं गेट को भी तोड़ा दिया. इसके बाद हाथियों का झुंड रातों-रात तबाही मचाते हुए बाबूबलिया,मरदू सोती, बेलासोती, बिश्रामपुर,पिपराडीह, नयाटांड़ संकरी होते हुए महुदी-सोनपुरा गांव पहुंचा. बताया जाता है कि सुबह-सुबह महुदी के ग्रामीणों द्वारा खदेड़ कर महुदी पहाड़ की ओर पहुंचाया गया. इस बीच किसानों एवं ग्रामीणों का धान का फसल रौदते हुए एवं पिपराडीह निवासी कल्लू भुइया के घर तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हाथियों का झुंड में लगभग 20 से 25 हाथी बताए जा रहे हैं.
बड़कागांव वन क्षेत्र पदाधिकारी छोटेलाल साह ने बताया कि हमारी टीम हाथियों को भगाने में जुटी हुई है. हाथियों को बुंडू जंगल की ओर भगा दिया गया है. हाथियों को भगाने में ग्रामीणों ने डूडी की बजा कर वन विभाग को सहयोग किया. श्री साह ने बताया कि जिन किसानों की फसल एवं ग्रामीणों का परिसंपत्ति का नुकसान हुआ है. वन विभाग मुआवजा का भुगतान करेगा.
बड़कागांव रेंज भी हाथियों का कोरिडोर है. इसीलिए हर 6 महीनें में इस रास्ते से हाथियों का आना जाना लगा रहता है. हाथियों के रास्ते में जितने भी गांव आते हैं, उन गांवों को हर छह माह में हाथियों द्वारा उत्पात मचाया जाने से लोगों का लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है. कई लोगों की जान भी जा चुकी है. क्षेत्र के ग्रामीण हाथियों के उत्पात से परेशान हैं. सरकार द्वारा कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला जा रहा है.
Posted By : Guru Swarup Mishra