आनंद तिवारी, पटना. आम मरीजों को दवा कंपनियों ने फिर झटका दिया है. डेढ़ से दो महीने के अंदर ही दवाओं की कीमत एक बार फिर से बढ़ा दी गयी है. कंपनियों ने नये बैच के साथ 10 से 20 फीसदी तक दवाओं के दाम बढ़ा दिये हैं. अलग-अलग बैच और दवा के अलग अलग डिवीजन के हिसाब से दाम बढ़ाये गये हैं.
जिन दवाओं की कोरोना काल में सबसे ज्यादा मारामारी थी, उनके रेट ज्यादा बढ़ाये गये हैं. इसके अलावा रोजाना यूज होने वाली खासकर, दिल, कैंसर व सांस रोग संबंधित दवाएं महंगी हुई हैं.
डेढ़ महीने के बाद फिर आ गया नया बैच, कमा रहे मुनाफा : बीते मई व जून महीने में दवाओं के दाम में बढ़ोतरी की गयी थी. लेकिन अगस्त महीने में फिर से दवा कंपनियों ने नया बैच जारी कर दिया. दवा कंपनियां नये बैच नंबर के साथ दाम बढ़ाने का खेल करती है. बाजार में दवाओं की मांग बढ़ते ही नया बैच जारी कर दिया जाता है.
हर बैच नंबर के साथ पांच रुपये से 20 रुपये तक बढ़ोतरी कर दी जाती है.सर्दी, बुखार, बॉडी पेन, कोरोना संबंधित दवाओं की मार्केट में कमी बनी हुई है. इन दवाओं में खासकर मेडरोल टेबलेट, डोक्ससाइक्लिन कैप्सूल, कालपोल पेरासिटामोल टैबलेट, फेबिफ्लू आदि शामिल हैं.
बताया जाता है कि इन दवाओं को एक साथ बड़ी मात्रा में सप्लाइ करने के कारण बाजार में कमी हो गयी है. सबसे सबसे ज्यादा दिक्कत दिल, कैंसर, डायबिटीज, यूरीन, सांस, गुर्दा, गैस समेत दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीजों को झेलनी पड़ रही है. इन बीमारियों का इलाज लंबे समय तक चलता है.
एक अगस्त, 2021 को एलपीजी की कीमतें नहीं बदलीं तो लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली, लेकिन 17 अगस्त को एलपीजी सिलिंडर की कीमत 25 रुपये बढ़ गयी. 14.2 किलो का एलपीजी सिलिंडर अब 958 रुपये का हो गया है. गैर सब्सिडी वाला एलपीजी सिलिंडर पिछले आठ माह में (जनवरी से अगस्त) 165.50 रुपये महंगा हो गया है.
गैर सब्सिडी वाली रसोई गैस की दरों में एक अगस्त को इसी अनुपात में वृद्धि की गयी थी और अब सब्सिडी वाली रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि की गयी है. इसके साथ ही सब्सिडी वाली और बिना सब्सिडी वाली रसोई गैस की दरों में शायद ही कोई अंतर हो. पिछले दो साल से उपभोक्ताओं को सब्सिडी के रूप में मात्र 74 रुपये खाते में आ रहे हैं.
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जनवरी – 792.50
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फरवरी -892.50
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मार्च- 917.50
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अप्रैल – 907.50
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मई – 907.50
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जून – 907.50
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जुलाई – 933.00
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अगस्त – 958.00
बिहार ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष परसन कुमार सिंह ने कहा कि दवाओं के रेट कम हो, इसको लेकर बिहार के साथ-साथ ऑल इंडिया ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पेट्रोलियम एवं केमिकल मंत्री को पत्र भी लिखा है. इसके अलावा दवा कंपनियों से बात की जा रही है.
पटना ड्रगिस्ट एवं केमिस्ट एसोसिएशन पूर्व अध्यक्ष संतोष कुमार ने कहा कि यह सही है कि कच्चा माल, पेट्रोल, डीजल की बढ़ी कीमतों से कारोबारी परेशान हैं. मरीज भी बार-बार बढ़ी कीमतों को लेकर शिकायत दर्ज करा रहे हैं. कंपनी से बात कर समस्या का समाधान निकाला जायेगा.
Posted by Ashish Jha