पटना. शहर के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के ओपीडी में इस समय वायरल फीवर से जुड़े मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. ऐसे में विशेषज्ञों को मौसमी बुखार के साथ कोरोना संक्रमण होने की आशंका है. इसलिए अब वायरल फीवर के सभी मरीजों की कोरोना जांच होगी.
इस बीच कोरोना सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच में सीटी वैल्यू भी निकाला जायेगा ताकि कोरोना के पॉजिटिव केसों से संक्रमण का आकलन किया जा सके. वहीं, संदिग्ध मरीज व लगातार 10 दिन से वायरल की चपेट में आये लोगों की दोबारा सैंपल लेकर जांच करने का भी निर्देश जारी किया गया है.
स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन द्वारा तीसरी लहर से बचने के लिए सारे जतन किये गये हैं. पहले से ही कोरोना संक्रमण को रोकने की रणनीति बनायी गयी है. ऐसे में इस समय वायरल बुखार, डायरिया के लक्षणों में कोरोना की घुसपैठ का पहले ही पता लगाया जायेगा.
पटना जिले में कोरोना पॉजिटिव केस एक-दो में ही सिमट गये हैं. लेकिन वायरल केसों के सीटी वैल्यू व आर नॉट वैल्यू जांच से कोरोना संक्रमण व उसके फैलाव का अंदाजा लगाया जा सकेगा. पटना जिले की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि जिले में अलर्ट बढ़ा दिया गया है. वायरस के साथ कोरोना के मिक्स होने का आकलन कोविड रिपोर्ट से किया जा रहा है.
इसलिए सभी मेडिकल कॉलेज, छोटे सरकारी अस्पताल व पीएचसी के साथ-साथ निजी लैबों को भी निर्देश दे दिये गये हैं कि रोज कोविड सैंपलों की रिपोर्ट के साथ एक आकलन रिपोर्ट बनाएं. रिपोर्ट को सिविल सर्जन कार्यालय में उपलब्ध कराएं, ताकि कोरोना संक्रमण के हर बिंदु पर माॅनीटरिंग की जा सके.
Posted by Ashish Jha