नयी दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी को भारतीय लोकतंत्र का आदर्श नेता कहते हुए, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सत्ताधारी दल के साथ-साथ विपक्ष में रहने वालों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और इनके सम्मान के साथ कार्य करना चाहिए. गडकरी ने कहा कि वाजपेयी और नेहरू भारतीय लोकतंत्र के दो आदर्श नेता थे और दोनों कहते थे कि वे साथ कार्य करेंगे.
गडकरी हिंदी समाचार चैनल न्यूज नेशन द्वारा आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अटलजी की विरासत हमारी प्रेरणा है और पंडित जवाहरलाल नेहरू का भी भारतीय लोकतंत्र में बड़ा योगदान था. गडकरी हाल ही में समाप्त हुए मानसून सत्र के दौरान संसद में व्यवधान के बारे में बात कर रहे थे, जो तीन कृषि कानूनों, ईंधन की कीमतों में वृद्धि और पेगासस स्पाइवेयर से संबंधित आरोपों पर दोनों सदनों में विरोध के कारण बाधित रहा.
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने दिनों को याद करते हुए गडकरी ने कहा कि एक समय था जब उन्होंने सदन को बाधित करने के लिए विधायकों का नेतृत्व किया था. उन्होंने कहा कि उन दिनों में एक बार मैं अटलजी से मिला था और उन्होंने मुझसे कहा था कि लोकतंत्र में काम करने का यह कोई तरीका नहीं है और लोगों तक अपना संदेश पहुंचाना महत्वपूर्ण है.
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उन्होंने कहा कि सत्ता और विपक्ष सभी दलों को आत्ममंथन करना चाहिए. एक बार इसका आत्म परीक्षण करना चाहिए कि जो आज सत्ताधारी दल है वो कल विपक्ष हो सकता है और जो विपक्ष है वह सत्ता पर भी बैठ सकता है. हमारे रोल बदलते रहता हैं. उन्होंने कहा कि मैं तो जीवन के कई पड़ाव पर विपक्ष में भी काम कर चुका हूं. लेकिन संसद में हाल में हुए व्यवधान से पीड़ा पहुंचती है.
कांग्रेस को संदेश देते हुए गडकरी ने कहा कि एक मजबूत विपक्ष एक सफल लोकतंत्र में आवश्यकता है. सत्ताधारी दल और विपक्ष को लोकतंत्र के दो पहिये बताते हुए गडकरी ने कहा कि इस लोकतंत्र को सफल बनाने के लिए एक मजबूत विपक्ष भी आवश्यक है. नेहरू ने हमेशा वाजपेयी जी का सम्मान किया और कहा कि विपक्ष भी जरूरी है.
Posted By: Amlesh Nandan.