पटना. पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) की घोषणा के साथ ही बिहार में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. यह विवाद सरकार के एक लेटर को लेकर है. सरकार के ऊर्जा विभाग ने प्रदेश के तमाम जिला अधिकारियों को एक पत्र जारी कर पंचायतों में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए निविदा मंगाने का आग्रह किया है. इसकी भनक लगते ही विपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करने की बात कह रहा है.
इधर, सत्ताधारी दल ने इसपर पलटवार किया है. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी (Panchayati Raj Minister Samrat Choudhary) ने कहा कि फिलहाल जहां भी लाइटें लगी हैं वो बल्ब 12 वाट के हैं. उससे ठीक से रौशनी नहीं आती है. इसलिए गांवों में बिजली के पोल में अब 20 वाट का बल्ब लगाने का निर्णय लिया गया है. राजद का आरोप है कि सरकार ने पंचायत चुनाव से ठीक पहले ही गांव में बल्ब लगाने की बात कही थी. इस दफा भी वही काम कर रही है. इसके साथ ही राजद ने लेटर की टाइमिंग को लेकर भी सवाल खड़े करते हुए चुनाव आयोग से शिकायत करने की बात कही है.
क्या है विवाद
बिहार सरकार ने दावा किया है कि चुनाव से पहले 20 हजार करोड़ खर्च कर पंचायतों में स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी का कहना है कि फिलहाल जहां भी लाइटें लगी हैं सब बल्ब 12 वाट के हैं. जिससे ठीक से लाइट नहीं मिलती है. इसलिए अब इनकी जगह 20 वाट का बल्ब लगाया जायेगा. सरकार के इस घोषणा पर ही विपक्ष सवाल खड़ा कर रही है.आरजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि चुनाव के समय इस वादे से पंचायत चुनाव पर राजनीतिक प्रभाव पड़ेगा, लिहाजा चुनाव आयोग तक इसकी शिकायत की जाएगी.
बहरहाल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना के तहत हर पंचायत में स्ट्रीट लाइट लगाने की योजना बनाई है उसी कड़ी में ये लगाने की प्रक्रिया को हरी झंडी मिली है बिहार में 8300 पंचायत है और हर पंचायत में दस दस स्ट्रीट लाइट लगनी है जिसकी लागत करोड़ों में आएगी और लगाने की ज़िम्मेवारी एजेंसियों पर होगी और मुखिया जी इसकी निगरानी करेंगे , लेकिन फ़िलहाल तो सोलर स्ट्रीट लाइट लगी भी नही है लेकिन सियासत शुरू हो गई है.