England vs India 2nd Test : भारतीय क्रिकेट टीम में एक समय था, जब सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के आउट होने के बाद फैन्स अपना टीवी सेट बंद कर देते थे और आधा स्टेडियम खाली हो जाता था. उससे पहले सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) के दौर में ऐसा ही हुआ करता था. गावस्कर के आउट होने के बाद फैन्स यह मान लेते थे कि टीम हार चुकी है. भारतीय टीम पहले वनमैन आर्मी हुआ करती थी, लेकिन 21वीं सदी की टीम इंडिया काफी बदल चुकी है.
विराट कोहली की अगुआई में खिलाड़ियों में आक्रामकता साफ नजर आती है. विदेशी खिलाड़ियों के आंखों में आंख डालकर बात करने वाली टीम बन चुकी है विराट सेना. मौजूदा टीम इंडिया में एक नहीं बल्कि पूरे 11 खिलाड़ियों में मैच जिताने की क्षमता है और यह लॉर्ड्स टेस्ट में साबित हो चुका है. क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स में टीम इंडिया ने इंग्लैंड को 151 रन से रौंदकर इतिहास रच डाला. टीम इंडिया की जीत में कोई एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक-एक खिलाड़ी का बराबर योगदान रहा.
केएल राहुल – केएल राहुल ने ओपनर के रूप में खुद को साबित किया है. अब तक खेले गये दोनों टेस्ट में राहुल ने भारत को अच्छी शुरुआत दिलायी. लॉर्ड्स में तो उन्होंने शतक जमाकर विराट कोहली, सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्ब्गज को भी पीछे छोड़ दिया.
रोहित शर्मा – रोहित शर्मा एक समय शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. दोनों टेस्ट में उन्होंने भारत को बेहतरीन शुरुआत दिलायी. इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 50 से अधिक का रहा, जो टेस्ट में शानदार माना जाता है. लॉर्ड्स में रोहित और राहुल ने 126 रनों की साझेदारी निभायी, जो भारत की जीत में बड़ी भूमिका निभायी.
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चेतेश्वर पुजारा – चेतेश्वर पुजारा ने लॉर्ड्स टेस्ट में एक बार फिर से साबित किया कि आखिरी उन्हें क्यों दीवार कहा जाता है. दूसरे टेस्ट में पुजारा ऐसे समय में बल्लेबाजी के लिए आये थे, जब टीम इंडिया दूसरी पारी में रोहित शर्मा और केएल राहुल के जल्दी आउट होने के बाद संकट में फंस चुकी थी. पुजारा ने 206 गेंदों का सामना किया, जिसमें 45 रन बनाये. पुजारा और रहाणे ने टीम इंडिया को संकट से उबारा.
अजिंक्य रहाणे – रहाणे ने लॉर्ड्स टेस्ट में शानदार अर्धशतक जमाया और दूसरी पारी में भारत की ओर से सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बने. उन्होंने 61 रन बनाये. उनकी बेहतरीन पारी के दम पर भारतीय टीम इंग्लैंड पर बड़ी बढ़त ले पायी.
ऋषभ पंत – पंत ने विकेट कीपर और बल्लेबाज के रूप में टीम में अपनी जगह पूरी तरह से फिक्स कर ली है. उन्होंने कुछ हद तक धौनी की कमी को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभायी है. दूसरे टेस्ट में उन्होंने 37 और 22 रन बनाये. पंत विकेट के पीछे से विराट कोहली को मदद भी करना शुरू कर दिया. जिस तरह से धौनी विकेट के पीछे से कप्तानी करते थे या फिर जब कोहली कप्तान बने तो विकेट के पीछे से उनकी मदद करते थे, कुछ उसी तरह पंत भी कर रहे हैं.
रविंद्र जडेजा – जडेजा एक बेहतरीन ऑलराउंडर हैं. जो न केवल बल्ले से, बल्कि गेंद और फील्डिंग में बेहतरीन प्रदर्शन कर टीम की जीत को पटरी पर लाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. लॉर्ड्स टेस्ट में भी जडेजा ने वैसा ही किया, पहली पारी में उन्होंने 40 रन बनाये.
मोहम्मद शमी – शमी ने लॉर्ड्स टेस्ट में ऑलराउंडर खेल का प्रदर्शन किया. उन्होंने घातक गेंदबाजी करते हुए 3 विकेट लिये. फिर बल्ले से उन्होंने जो किया, उसे शायद की कभी कोई भुल पाये. शमी ने बुमराह के साथ मिलकर दूसरी पारी में नाबाद 89 रन की साझेदारी निभायी. जिसमें उनका योगदान नाबाद 56 रनों की रहा. लॉर्ड्स में जो काम सचिन नहीं कर पाये, शमी ने कर दिखाया. शमी अब लॉर्ड्स में अर्धशतक जमाने वाले बल्लेबाजों की सूची में शामिल हो गये हैं.
इशांत शर्मा – इशांत शर्मा ने इंग्लैंड के खिलाफ हुए दोनों टेस्ट में शानदार गेंदबाजी की. उन्होंने लॉर्ड्स में कुल पांच विकेट चटकाये. पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में दो विकेट लेकर अंग्रेजों को काफी परेशान किया.
बुमराह – बुमराह ने लॉर्ड्स टेस्ट में बल्ले और गेंद दोनों से शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने दूसरी पारी में शमी के साथ मिलकर 9वें विकेट के लिए नाबाद साझेदारी निभायी. दूसरी पारी में बुमराह ने नाबाद 34 रन बनाये. तो गेंदबाजी में तीन विकेट चटकाये.
मोहम्मद सिराज – मोहम्मद सिराज लॉर्ड्स टेस्ट के हीरो रहे. उन्होंने दोनों पारियों में 4-4 विकेट चटकाये. लॉर्ड्स में सिराज की आक्रामकता भी फैन्स को काफी पसंद आया.