पेगागस विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को नोटिस जारी किया है. ममता सरकार के पेगासस विवाद की जांच के लिए गठित आयोग को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा. सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी. याचिका में सवाल किया गया था विवाद की सुनवाई खुद सुप्रीम कोर्ट कर रहा है तो ममता बनर्जी सरकार ने जांच आयोग क्यों गठित किया है?
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पिछले दिनों पेगासस जासूसी कांड को लेकर संसद से सड़क तक हंगामा हुआ था. इस मामले में ममता बनर्जी सरकार ने 27 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन लोकुर की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया था. राज्य सरकार के जांच आयोग में कलकत्ता हाईकोर्ट के दो जज भी शामिल हैं. आयोग पश्चिम बंगाल में फोन हैकिंग, ट्रैकिंग और फोन रिकॉर्डिंग की जांच करेगा.
Supreme Court issues notice to the West Bengal government on a plea seeking to quash notification of constituting an Inquiry Commission, headed by former Supreme Court judge Madan B Lokur, to investigate into allegations relating to Pegasus. pic.twitter.com/2Lr0iW4BK2
— ANI (@ANI) August 18, 2021
बड़ी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार के जांच आयोग पर रोक नहीं लगाई है. इस मामले की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में राष्ट्रीय स्तर पर कथित फोन हैकिंग की जांच की मांग की गई है. पेगासस जासूस मामले में सुप्रीम कोर्ट SIT की जांच वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा हैं. याचिका में जिक्र किया गया है कि इस मामले में गंभीर जांच की जरूरत है. पेगासस जासूसी मामले की अलग-अलग जांच करना संभव नहीं है.
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पेगासस जासूसी मामले के सामने आने के बाद विपक्षी पार्टियों ने जोरदार प्रदर्शन किया. सदन से सड़क तक विपक्षी दलों ने एकजुटता का परिचय देते हुए केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ विरोध किया था. आरोप है कि इजरायली स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके देश की बड़ी हस्तियों के फोन की जासूसी की गई है. जबकि, केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से किसी तरह की जासूसी नहीं करने की बात कही. इसको लेकर मॉनसून सत्र में जोरदार हंगामा देखने को मिला था.