पटना. पटना जिले में कोरोना की रफ्तार मंद हो गयी है. अब तक जिले में सिर्फ 37 एक्टिव केस बचे हैं. लेकिन कमजोर हो रहे वायरस पर डर और संशय भी है. वायरस से जुड़े विशेषज्ञों की मानें, तो वैक्सीनेशन का असर सामने आया है, पर वायरस के म्यूटेंट होकर और घातक होने की आशंका तो बनी ही रहेगी. इसलिए विशेषज्ञों ने खासकर सितंबर तक लापरवाही बिल्कुल नहीं करने की सलाह दी है. शहर में तीन दिन में सिर्फ पांच ही कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं.
सोमवार को तो जिले में एक भी कोविड के मरीज नहीं मिले हैं. आंकड़ा जीरो पर पहुंच गया था. करीब एक महीने से आ रहे पॉजिटिव केसों में सिटी वैल्यू करीब 35 के पार मिल रही है. यानी मरीज संक्रमण फैलाने की क्षमता नहीं रखते हैं.
सिटी वैल्यू के साथ ही आर नॉट वैल्यू भी 0.60 से नीचे आ गयी है. ऐसे में साफ है कि कोरोना बेहद कमजोर हो गया है. जांच कराने के लिए भेजे गये सैंपलों में पॉजिटिव केसों की संख्या तीन व पांच के नीचे ही रह गयी है, जबकि जिले में रोजाना करीब नौ हजार लोगों के सैंपल जांच के लिए जा रहे हैं. इनमें करीब चार से 4500 एंटीजन टेस्ट में एक से बाकी बचे आरटीपीसीआर जांच में दो मरीज पॉजिटिव मिल रहे हैं.
पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने कहा कि पटना जिले में कोरोना के पॉजिटिव केस बेहद कम हो गये हैं, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म हो गया है. दूसरी लहर में भी यही हुआ, सभी को लगा कोरोना खत्म हो गया पर होली के बाद कहर सबके सामने आया था.
अच्छी बात तो यह है कि जिले में करीब 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण हो चुका है. लेकिन अब भी करीब 30 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण बाकी है. ऐसे में लापरवाही कब आफत बन जाये कहा नहीं जा सकता है. ऐसे में कोरोना प्रोटोकॉल और मास्क का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा.
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने कहा कि कोरोना धीमा पड़ गया है और अब कोई मरीज भी भर्ती नहीं है पीएमसीएच में. लेकिन इसे खत्म नहीं माना जाना चाहिए. यह कोरोना है और म्यूटेशन के आसार अब भी है. तीसरी लहर की तैयारी लगभग पूरी हो गयी है. डॉक्टर से लेकर मरीजों को अलर्ट जारी किया गया है.
आइजीआइएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मनीष मंडल ने कहा कि यह सही है कि कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ गयी है. आइजीआइएमएस में अब मुश्किल से दो या फिर एक भी कोविड वार्ड में भर्ती हो रहे हैं. नौ से 10 हजार सैंपलों में तीन से पांच ही केस सामने आ रहे हैं. पर कब क्या होगा, कुछ नहीं कहा जा सकता है. वैक्सीनेशन के बाद भी सतर्कता मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना जरूरी है.
Posted by Ashish Jha