अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के दो दिन बाद तालिबानी नेता और सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अफगानिस्तान पहुंच गया है. वहीं तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने काबुल में प्रेस काॅन्फ्रेंस कर यह कहा है कि उनकी किसी से दुश्मनी नहीं है और अपने नेता के आदेश के आधार पर उन्होंने सभी को माफ कर दिया है.
टोलोन्यूज के हवाले से यह जानकारी मिली है कि जबीहुल्लाह मुजाहिद का कहना है कि वे जल्द ही एक ऐसे समझौते पर पहुंचेंगे, जिसके जरिये देश में इस्लामी सरकार की स्थापना होगी. मुजाहिद ने कहा कि काबुल की सुरक्षा में दिन प्रतिदिन सुधार हो रहा है क्योंकि उनके लड़ाके विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं.
मुजाहिद ने पत्रकारों के सामने कहा कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है. विदेशी दूतावासों की सुरक्षा उनके लिए अहम है और वे यह संकल्प लेते हैं कि दूतावास पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे. मुजाहिद का कहना है कि काबुल के बाहरी इलाके में पहुंचने के बाद पहले दिन उन्होंने अपनी सेना को शहर में प्रवेश करने से रोक दिया, लेकिन कुछ लोगों ने स्थिति का दुरुपयोग किया और लोगों को लूटने का प्रयास किया. उनका कहना है कि अब लोग यह महसूस कर सकते हैं कि वे सुरक्षित रहेंगे. मुजाहिद का कहना है कि इस्लामिक अमीरात दुनिया के तमाम देशों से वादा कर रहा है कि अफगानिस्तान से किसी देश को कोई खतरा नहीं होगा.
In response to a question about differences between the 1990s Taliban and today's, Mujahid said the ideology and beliefs are the same because they are Muslims, but there is a change in terms of experience–they are more experienced and have a different perspective. pic.twitter.com/IZBkc5gxx4
— TOLOnews (@TOLOnews) August 17, 2021
मुजाहिद ने कहा कि अफ़गानों को लोगों के मूल्यों से मेल खाने वाले नियमों को लागू करने का अधिकार है; इसलिए, अन्य देशों को इन नियमों का सम्मान करना चाहिए.
मुजाहिद का कहना है कि वे इस्लाम के आधार पर महिलाओं को उनके अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उनका कहना है कि महिलाएं स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में जहां जरूरत हो वहां काम कर सकती हैं. उनका कहना है कि महिलाओं के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा.
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि तालिबान के शासन में देश की अर्थव्यवस्था और लोगों की आजीविका में सुधार होगा. साथ ही मुजाहिद ने कहा कि वे चाहते हैं कि सभी मीडिया संस्थान अपना काम करते रहें. उन्हें बस इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोई भी प्रसारण इस्लामी मूल्यों के विरोध में ना हो, मीडिया निष्पक्ष हो और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ रिपोर्टिंग ना हो.
Posted By : Rajneesh Anand