Afghanistan Latest Updates : अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत के कूटनीतिक गलियारे में गंभीर चिंता दिखने लगी है. सबसे बड़ा सवाल तालिबान के चरित्र को लेकर खड़े होने लगे हैं. इस पूरे घटना क्रम और राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी के देश छोड़ने के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने वहां के हालात पर टिप्पणी की है.
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनियांग ने कहा है कि चीन अफगानिस्तान के लोगों का अपने भाग्य और भविष्य का फैसला करने के अधिकार का सम्मान करता है. चीन अफगानिस्तान के साथ दोस्ताना सहयोग विकसित करने की इच्छा रखता है. आगे हुआ चुनियांग ने कहा कि चीन अफगानिस्तान में शांति और पुनर्निर्माण के लिए रचनात्मक भूमिका निभाना चाहता है. चीन के विदेश मंत्रालय ने यह भी उम्मीद जताई है कि तालिबान अपना पहले का वादा पूरा करेगा और वहां एक खुली और समावेशी इस्लामिक सरकार को बातचीत के माध्यम से स्थापित करने का काम करेगा.
चीन को ये भी भरोसा है कि तालिबान जिम्मेदारी पूर्ण कार्य करते हुए अफगान नागरिकों और अफगानिस्तान में विदेशी मिशन की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा. इन सबके बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से काबुल पर तालिबान के पुन: कब्जे के बाद युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में पैदा हुई अराजकता और तेजी से बदलते हालात पर बातचीत की है.
अमेरिका ने घुमाया पाकिस्तान को फोन : अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने जानकारी दी कि ब्लिंकन दुनियाभर के अपने कई समकक्षों से इस विषय पर बात कर रहे हैं और इसी के तहत उन्होंने कुरैशी से बातचीत की. प्राइस ने कहा कि विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर बात की है. विदेश मंत्री ब्लिंकन और विदेश मंत्री कुरैशी ने अफगानिस्तान और वहां बदल रहे हालात पर चर्चा की. इस बीच, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने इस्लामाबाद में जारी एक बयान में कहा कि कुरैशी ने कम समय में हालात में आए बड़े बदलाव और हिंसा से बचने के संबंध में ब्लिंकन के साथ पाकिस्तान का नजरिया साझा किया.
अमेरिकी सांसद लिंडसे ग्राहम ने कहा : अमेरिकी सांसद लिंडसे ग्राहम ने ‘फॉक्स न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में बाइडन से अपील की कि वह पाकिस्तान एवं चीन से अफगानिस्तान में तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देने के लिए कहें. उन्होंने कहा कि जरूरी बात यह है कि यदि हम दुनिया को इस सत्ता को मान्यता नहीं देने के लिए कहते हैं तो हम तालिबान के खतरे को काबू कर सकते हैं. ग्राहम ने कहा कि मैं चाहता हूं कि राष्ट्रपति बाडइन पाकिस्तान और चीन से कहें कि यदि आप तालिबान को मान्यता देते हैं, तो आप ऐसे आतकंवादी संगठन को मान्यता देंगे, जिसके हाथ अमेरिकियों के खून से सने हैं और हम आपको जवाबदेह ठहराएंगे.
Posted By : Amitabh Kumar