New Law For All Media Group : केंद्र सरकार सभी पारंपरिक और डिजिटल मीडिया कंपनियों के लिए एक कानून बनाने पर विचार कर रही है. इसका उद्देश्य सभी को समान रूप से अवसर प्रदान करना है. इस संबंध में अंग्रेजी वेबसाईट हिंदुस्तान टाइम्स ने खबर प्रकाशित की है. मामले को लेकर एक अधिकारियों ने जानकारी दी है कि एक व्यापक कानून बनाने का विचार किया जा रहा है जो प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, डिजिटल मीडिया, सिनेमा, यहां तक कि तथाकथित ओवर-द-टॉप या ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स और हॉटस्टार पर नजर रख सके.
अधिकारी ने जो जानकारी दी उसके अनुसार, नया कानून केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, प्रेस परिषद अधिनियम और नए डिजिटल मीडिया दिशानिर्देशों को समाहित करेगा. चीजें लगातार बदल रहीं हैं. इसलिए नये काननू पर सरकार विचार कर रही है. हर प्लेटफार्म के लिए नियम की आवश्यकता है. हालांकि, नये नियम को लेकर अभी चर्चा जारी है. वर्तमान समय में टेक्नालॉजी के साथ-साथ चीजें बदल रही है. यही वजह है कि नये नियम की जरूरत है.
जब इस संबंध में सूचना और प्रसारण (I & B) मंत्रालय के सचिव, अमित खरे से हिंदुस्तान टाइम्स ने सवाल किया तो उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया. आपको बता दें कि प्रिंट मीडिया के पास प्रेस परिषद है, लेकिन डिजिटल मीडिया के पास कोई संगत निकाय नहीं है जो उसकी बातों को रख सके. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पहले ही केबल टेलीविजन नेटवर्क अधिनियम में संशोधन करने का काम किया है.
यदि आपको याद हो तो पिछले साल नेटफ्लिक्स, अमेजन जैसे OTT प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन न्यूज, करंट अफेयर्स और ऑडियो-विजुअल कंटेंट देने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया था. जिसके बाद ये अब सरकार की निगरानी के दायरे में हैं. केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था जिसमें कहा गया था कि OTT प्लेटफॉर्म समेत ऑनलाइन न्यूज पोर्टल भी अब इन्फर्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट मिनिस्ट्री के दायरे में आएंगे.
Posted By : Amitabh Kumar