नयी दिल्ली : सुष्मिता देव के कांग्रेस से इस्तीफा देने के तुरंत बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने नेतृत्व पर आंखें बंद करके आगे बढ़ने का आरोप लगाया. सिब्बल उन 23 नेताओं में से एक हैं (जिन्हें जी-23 कहा जाता है) जिन्होंने पिछले साल पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक खुला पत्र लिखकर कांग्रेस में व्यापक बदलाव की मांग की थी.
राज्यसभा सांसद ने ट्विटर पर कहा कि सुष्मिता देव ने हमारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. युवा नेताओं के जाने के बाद हम बूढ़ों को इसे मजबूत करने के हमारे प्रयासों के लिए दोषी ठहराया जाता है. पार्टी आंख बंद कर आगे बढ़ती है. देव ने रविवार को सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजकर कहा कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हैं, लेकिन कोई विशेष कारण नहीं बताया.
गांधी को लिखे अपने पत्र में देव ने कहा कि वह सार्वजनिक सेवा के मेरे जीवन में एक नया अध्याय शुरू कर रही हैं. देव ने अपने ट्विटर बायो को पार्टी की पूर्व सदस्य और कांग्रेस की महिला विंग की पूर्व प्रमुख के रूप में भी बदल दिया है. सुष्मिता देव दिवंगत दिग्गज कांग्रेसी संतोष मोहन देव की बेटी हैं और 2014 में पहली बार असम के सिलचर की पारिवारिक सीट से संसद में आयी थी.
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सिब्बल ने अपनी टिप्पणियों के साथ एक बार फिर कांग्रेस पार्टी में चल रहे संकट को उजागर किया है. पार्टी को कई मोर्चों पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस बिना पूर्णकालिक अध्यक्ष के काम कर रही है. सोनिया गांधी पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष हैं. सिब्बल और अन्य 22 कांग्रेस नेताओं ने नये अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव की मांग की थी.
कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने वाले राहुल गांधी ने 2019 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से लगातार दूसरी हार के बाद इस्तीफा दे दिया था. फिर दलबदल का मामला है. जून में, दो बार के लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गये. कांग्रेस को राजस्थान जैसे राज्यों में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जहां पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राज्य नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी.
Posted By: Amlesh Nandan.