बिहार और नेपाल में लगातार दो दिनों से हो रही झमाझम बारिश से सीमाई क्षेत्रों की पहाड़ी नदियां ऊफना गयी है. नेपाल की पहाड़ियों से निकली नदियां पसाह व बंगरी प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांवों से होकर बहती हुई बंजरिया प्रखंड सीमा में प्रवेश कर बुढ़ी गंडक नदी में विलीन हो जाती है.
वहीं पसाह एवं बंगरी नदी में आई बाढ़ की पानी से प्रखंड मुख्यालय को जिला से जोड़ने वाली रोड जो मोतिहारी से लखौरा नरकटिया बाजार होते हुए प्रखंड मुख्यालय स्थित श्यामपुर बाजार एवं पूर्वी रेलवे ढाला के बीच रोड पर डेढ़ से दो फीट पानी बह रही है. जिसके चलते आवागमन बाधित हो गयी है.
बता दें कि पसाह एवं बंगरी नदियों में आई बाढ़ से औरैया, मूर्तियां, कोरैया, बखरी, श्यामपुर, दुबहा, भेड़िहारी एवं मझरिया सहित भवानीपुर, लक्ष्मीपुर पोखरिया, मझरिया आदि पंचायतों के हजारों एकड़ में धान की रोपनी किसानों द्वारा कर ली गई है जो जलमग्न हो गया है. वहीं किसान जगत नारायण प्रसाद, कुन्दन दूबे, शेषनाथ चौधरी, नवीन कुमार चौरसिया, रंजीत कुमार चौरसिया, मनोज कुमार सिंह, जाबेद आलम, हैदर अली, हफिज अंसारी आदि ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से हजारों एकड़ में लगी खरीफ फसलों को पानी बर्बाद न कर दें.
अब तो चिंता सता रही है कि अब धान की सभी फसल के बर्बाद होने पर सभी किसान भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे. वही मझरिया पूर्व मुखिया शमशेर आलम ने बताया कि हमारे पंचायत के मझरिया गांव में दर्जनों लोगों के घरों में पानी घुस गया है. इस बाबत सीओ संजय कुमार झा ने बताया कि ज्यादा बारिश के चलते नदियां ऊफनाई है. बहुत जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी
Posted By : Avinish Kumar Mishra