पूर्णिया. परिवार परामर्श केंद्र में शुक्रवार को 42 मामलों की सुनवाई की गई. इसमें 11 मामलों में बिछड़े पति-पत्नी को समझा-बुझाकर उनके घर को फिर से बसाया गया. बायसी थाना के शमशाद आलम का आरोप था कि उसके ससुराल वाले उसे घर जमाई बना कर रखने के लिए बराबर दबाव बनाए रहते हैं, लेकिन उसके माता-पिता वृद्ध हैं, इसलिए उन्हें छोड़ कर वह घरजमाई बनना नहीं चाहता है. समझाने के बाद दोनों पक्ष राजी हो गये.
डगरूआ थाना क्षेत्र की एक महिला की शिकायत थी कि उसका पति शराब पीकर घर का माहौल को खराब किये रहता है. केंद्र के समझाने के बाद पति ने कसम खायी कि भविष्य में वह न कभी शराब पीयेगा और न किसी के साथ मारपीट करेगा. रौटा थाना क्षेत्र की एक महिला के शिकायत थी कि उसके पिता गरीब हैं और पंजाब कमाने के लिए जाते हैं.
ससुराल वाले दहेज की मांग करते हैं. मांग की पूर्ति नहीं होने पर मारपीट करते हैं. वहां के सरपंच अब्दुल मन्नान ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में लाया और दोनों को मिला दिया गया. कसबा थाना के ढोलबज्जा बस्ती की एक महिला की शिकायत थी कि शादी के बाद से ही उसकी सास का रवैया उसके प्रति ठीक नहीं था, लेकिन वह अपने पति से इतना प्यार करती है कि उसे छोड़कर जिंदा नहीं रह सकती.
इसलिए उसे पति से मिलवा दिया जाये. केंद्र के समझाने के बाद पति ने विश्वास दिलाया की वह और उसकी मां कभी भी पत्नी के साथ मारपीट या गाली गलौज नहीं करेंगे. डगरूआ थाना की जूही खातून का आरोप था वह पिछले डेढ़ साल से अपने मायके में रह रही हूं. पति उसे लेने के लिए नहीं आता है.
तीन-चार बार पंचायत भी हुई है फिर भी कोई समाधान नहीं हो पाया. पत्नी ने कहा कि पति बंधपत्र बना कर देगा कि भविष्य में कभी भी दहेज नहीं मागेंगे और मारपीट नहीं करेंगे, तभी वह उसके साथ जाएगी. पति ने बंध पत्र बनाकर दिया और पत्नी खुश होकर उसके साथ घर चली गयी.
सदर थाना के महेंद्रपुर की बिना खातून का आरोप था कि उसके पति ने उसे तीन तलाक दे दिया है. पति ने कहा कि उसने तलाक नहीं दिया है, वह उसे साथ रखने के लिए तैयार है. केंद्र की पहल पर पति ने इस आशय के बंध पत्र पर हस्ताक्षर किया. मामले को सुलझाने में केंद्र के सदस्य दिलीप कुमार दीपक, रविंद्र साह, केके सिंह, प्रमोद जायसवाल, जीनत रहमान आदि शामिल थे.
Posted by Ashish Jha