पटना. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्रांडेड कंपनी की दवाएं जबरन लिखने वाले डॉक्टरों पर अब शिकंजा कसने की तैयारी है. ऐसे डॉक्टरों को चिह्नित कर कार्रवाई की जायेगी. पीएमसीएच प्रशासन ने सीनियर डॉक्टरों की सलाह के बाद डॉक्टर द्वारा लिखे गये पुर्जे की पड़ताल कराने का फैसला किया है.
इसके लिए जल्द ही अस्पताल में प्रिस्क्रिप्शन ऑडिट सिस्टम लागू होने जा रहा है. इसके तहत डॉक्टरों की टीम तैयार की जायेगी. टीम में शामिल डॉक्टर रैंडमली मरीजों के पुर्जे की जांच करेंगे. इसमें सरकारी या जेनेरिक दवाएं नहीं लिखी पायी गयीं तो संबंधित विभाग के डॉक्टर से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा और मामला पकड़ में आते ही कार्रवाई की जायेगी.
दवा कंपनी व डॉक्टरों के गठजोड़ को खत्म करने की पहल : पीएमसीएच की ओपीडी में रोजाना औसतन तीन हजार मरीज आते हैं. कई बार डॉक्टरों पर मनपसंद कंपनी की दवाएं लिखने के आरोप लग चुके हैं.
यहां तक कि राज्य सरकार के आदेश के बावजूद डॉक्टर मरीजों को जेनेरिक दवाएं नहीं लिख रहे हैं. इसको देखते हुए अब अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेज अस्पताल की दवाएं लिखने का निर्देश जारी किया है.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि अगर अस्पताल में किसी कारण दवाएं नहीं होंगी, तो भी मरीज को जेनेरिक दवाएं ही लिखनी हैं. डॉ ठाकुर ने बताया कि इस फैसले से फार्मा कंपनी और डॉक्टरों के गठजोड़ को खत्म करने की तैयारी है. उन्होंने बताया कि निर्देश लिखित में सभी विभाग में जारी किया जा चुका है.
Posted by Ashish Jha