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बिहार में बाढ़ के हालात बिगड़े, गंगा में उफान जारी, सेना तैयार

पटना में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा बरकरार है . बाढ़ के खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम की दीघा व गायघाट पर स्थायी नियुक्ति की गयी है. वहीं सेना को भी सतर्क कर दिया गया है.

पटना. पटना में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा बरकरार है . बाढ़ के खतरे को देखते हुए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम की दीघा व गायघाट पर स्थायी नियुक्ति की गयी है. वहीं सेना को भी सतर्क कर दिया गया है. आदेश मिलते ही सेना राहत व बचाव कार्य में जुट जायेगी. शुक्रवार को दीघा लॉक में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के समकक्ष हो गया.

गुरुवार तक यहां जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चल रहा था. दीघा लॉक में खतरे का निशान 51.40 मीटर पर है और जलस्तर भी 51.40 हो गया है. इसके साथ ही गांधी घाट में जलस्तर उच्चतम के करीब पहुंच गया है. गांधी घाट में जलस्तर फिलहाल 50.23 मीटर है, जो उच्चतम जलस्तर से महज 27 सेंटीमीटर नीचे है.

यहां का उच्चतम जलस्तर 50.53 मीटर निर्धारित है. 24 घंटे में दीघा घाट में गंगा का जलस्तर सात सेंटीमीटर और गांधी घाट में 11 सेंटीमीटर बढ़ा है. यह पिछले दिनों की अपेक्षा कम है. इन दोनों घाटों पर पिछले दिनों जलस्तर 14 से 17 सेंटीमीटर बढ़ रहा था. लेकिन बढ़ने की गति कम होने से थोड़ी राहत मिली है, पर खतरा बरकरार है. गंगा नदी कटैयांघाट व हाथीदह में भी लगातार बढ़ रही है.

कटैयाघाट फतुहा का जलस्तर 48.55 और हाथीदह का 43.22 मीटर हो चुका है. हाथीदह में जलस्तर उच्चतम के निशान से पांच सेंटीमीटर ऊपर चला गया है. यहां उच्चतम जलस्तर का निशान 43.17 मीटर पर है.

मनेर व देवनानाला में बढ़ा जलस्तर

सोन नदी का जलस्तर भी लगातार दो जगहों पर बढ़ा हुआ है. मनेर में जलस्तर 53.20 मीटर और देवनानाला में 52.03 मीटर हो चुका है. मनेर में जलस्तर के लगातार बढ़ने के कारण वहां के दियारा इलाके से पलायन भी शुरू हो चुका है. फिलहाल यहां जलस्तर में कमी आने की संभावना नहीं है.

पुनपुन नदी का जलस्तर भी सात जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर है. किंजर में 65.45 मीटर, चेक सकरैचा में 53 मीटर, चेन पुनपुन में 52.59 मीटर, पुनपुन रेल पुल में 52.49 मीटर, श्रीपालपुर में 52.28 मीटर, गौरीचक सड़क पुल में 51.40 मीटर व पुनपुन पुराना पुल फतुहा में 48.65 मीटर जलस्तर हो चुका है.

दियारा क्षेत्र से चलाया गया ड्राइव

गंगा का जल स्तर बढ़ने के साथ ही बुढ़ी गंडक में भी हल्की बढ़ोतरी हुई है. बावजूद इसके लोग घर छोड़ कर बाहर निकलने को तैयार नहीं हैं. शुक्रवार को भी आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश पर जिला प्रशासन के साथ एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम ने दियारा इलाके में ड्राइव चलाया और लोगों को घरों से बाहर निकल कर राहत कैंप में जाने का आग्रह किया, लेकिन लोगों ने अभी घर छोड़ने का मना कर दिया है.

दीघा लॉक में नौ पंप से निकाला जा रहा पानी

दीघा लॉक में नौ पंप लगाकर शहर के पानी को गंगा नदी में फेंका जा रहा है. यह पंप लगातार 24 घंटे चलाया जा रहा है. इसके अलावा पटना-दानापुर में बनाये गये तमाम पंप से शहर के पानी को गंगा नदी में डाला जा रहा है. पटना से दानापुर तक बनाये गये सुरक्षा बांध के सटे बने तमाम झुग्गी-झोपड़ी में गंगा का पानी घुस गया है और लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

दानापुर : सेना को आदेश का इंतजार

दानापुर. राज्य में बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए सेना सतर्क है. अभी तक राज्य सरकार ने सेना से बाढ़ राहत व बचाव कार्य करने की मदद नहीं मांगी है. जबकि राज्य में बाढ़ को देखते हुए सेना सतर्क है. झारखंड व बिहार सब एरिया मुख्यालय के सैन्य अधिकारी के मुताबिक अभी तक राज्य सरकार द्वारा सेना से मदद नहीं मांगी गयी.

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम के सहयोग से बाढ़ में बचाव व राहत कार्य किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बाढ़ में बचाव व राहत कार्य चलाने की मांग करती है तो सेना के 14 कॉलम तैयार हैं और अभ्यास भी कर रहे हैं.

Posted by Ashish Jha

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