अफगानिस्तान (afghanistan) से अमेरिकी सैनिकों (US Armry) की वापसी के बाद तालिबान (Taliban) ने अपनी ताकत बढ़ाना शुरू कर दिया है और कई अफगानी शहरों पर कब्जा करते हुए वह अब काबुल (Kabul) के निकट पहुंच गया है. समाचार एएफपी के अधिकारियों के अनुसार तालिबान ने काबुल से 50 किलोमीटर दूर दक्षिण के इलाके पर कब्जा कर लिया है और वे लगताार काबुल की तरफ बढ़ रहे हैं. तालिबान ने अफगानिस्तान के 34 प्रांत में से 12 पर निश्चित रूप से कब्जा कर लिया है.
#BREAKING Taliban take provincial capital 50 km (30 miles) south of Kabul: local official pic.twitter.com/jqds0IhM7D
— AFP News Agency (@AFP) August 13, 2021
अफगानिस्तान के प्रमुख शहर गजनी, हेरात, कंधार और लोगार पर तालिबान का कब्जा हो गया है जिसकी वजह से काबुल पर खतरा मंडरा रहा है. लोगार से काबुल 90 किलोमीटर की दूरी पर है. अफगानिस्तान ने सबसे पहले गजनी पर कब्जा किया फिर गुरुवार को कंधार और हेरात पर कब्जा किया.
VIDEO: Taliban fighters are seen outside a police station Friday in Herat, Afghanistan's third biggest city.
The insurgents took over the city on Thursday, according to a government security source pic.twitter.com/V5uk9XjeE8
— AFP News Agency (@AFP) August 13, 2021
पीटीआई के अनुसार अफगानिस्तान के दक्षिणी उरुजगान प्रांत के दो सांसदों का कहना है कि स्थानीय अधिकारियों ने प्रांतीय राजधानी को तेजी से आगे बढ़ रहे तालिबान के हवाले कर दिया है. बिस्मिल्लाह जान मोहम्मद और कुदरतुल्ला रहीमी ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण की पुष्टि की. प्रांत के गवर्नर काबुल जाने के लिए हवाई अड्डे रवाना हो गये हैं.
कंधार पर तालिबान ने बृहस्पतिवार रात को कब्जा किया, जिसके बाद सरकारी अधिकारी और उनके परिजन सुरक्षित बचने के लिए हवाई अड्डे की ओर भागे, वे सभी काबुल में शरण ले रहे हैं, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि तालिबान लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है और वह अब काबुल का रुख कर चुका है. बृहस्पतिवार को तालिबान ने अफगानिस्तान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर कब्जा कर लिया था. तालिबान के लड़ाके ऐतिहासिक शहर में ग्रेट मस्जिद से आगे बढ़ गए और सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया.
अमेरिका और यूके जैसे देशों ने अपने-अपने दूतावास से अपने अधिकारियों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिये हैं और वहां सैनिकों की टुकड़ी भेजने का निर्णय किया है ताकि अधिकारियों को बाहर निकाला जा सके. तालिबान की कट्टरता उनके लिए चिंता की वजह है.
तालिबान का उदय पाकिस्तान से हुआ है और इस शब्द का अर्थ है छात्र. तालिबान एक सुन्नी इस्लामिक आंदोल है. तालिबान पश्तो भाषा का शब्द है. यह एक कट्टरपंथी राजनीतिक आंदोलन है, जिसका उद्देश्य विश्व में शरीयत कानून लागू करना है. तालिबान को पाकिस्तान और सउदी अरब से फंडिंग की गयी. आज तालिबान ने अपनी ताकत इतनी बढ़ा ली है कि वह एक राष्ट्र पर कब्जा करने की स्थिति में आ गया है.
Posted By : Rajneesh Anand