कोरोना महामारी (Corona pandemic) ने न जाने कितने लोगों की जिंदगी छीन ली, कितने ही लोग बेसहारा और अनाथ हो गए. ये वायरस (Virus) अब भी रुका नहीं है, अब भी इसके कहर से रोजाना कई मौतें हो रही है. इस महामारी को लेकर पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में जीव विज्ञान विभाग के ओटार ब्योर्नस्टेड के नए शोध डराने वाले है.
नए शोध के अनुसार, अगले कुछ वर्षों में COVID-19 अन्य सामान्य-जुकाम रोगों के समान कार्य कर सकता है, जो ज्यादातर छोटे बच्चों को प्रभावित करेगा. SARS-CoV-2 की ओर से निम्नलिखित संक्रमण, तेजी से गंभीर परिणामों और उम्र के साथ घातक होने का स्पष्ट संकेत दिया गया है.
उन्होंने कहा कि हमारे मॉडलिंग परिणाम बताते हैं कि संक्रमण का जोखिम छोटे बच्चों में स्थानांतरित होने की संभावना है, क्योंकि 18+ लोगों ने वैक्सीनेशन ले लिया है, जिससे वह इस वायरस के संपर्क में आने से बच जाता है. ब्योर्नस्टैड के अनुसार, जैसा कि कोरोना वायरस और इन्फ्लूएंजा वायरस उत्पन्न हुए, बाद में खत्म हो गए हैं, इस तुलनीय परिवर्तनों का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है.
ब्योर्नस्टेड ने कहा कि 1889-1890 में जो महामारी आई थी, जिसे एशियाई या रूसी फ्लू के रूप में जाना जाता है. उसकी चपेट में आने से दस लाख लोगों की मोत हो गई थी. इस महामारी में मुख्य रूप से 70 वर्ष से अधिक आयु के लोगों ने अपनी जान गवाई थी. माना जा रहा है कि HCoV-OC43 वायरस के कारण हुआ हो. वहीं वर्तमान में यह एक हल्का, बार-बार संक्रमित करने वाला कोल्ड वायरस है, जो ज्यादातर 7-12 महीने की उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है.
हालांकि, ब्योर्नस्टैड ने आगाह किया कि यदि लोगों में SARS-CoV-2 में प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, तो उस समूह में बीमारी का बोझ अधिक रह सकता है, हालांकि वायरस के पिछले संपर्क से बीमारी की गंभीरता भी कम हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि, कोविड-19 पर शोध से पता चलता है कि टीकाकरण SARS-CoV-2 वायरस के संपर्क में आने से अधिक सुरक्षा प्रदान करता है, इसलिए हम सभी को जल्द से जल्द टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
इस वायरस का प्रकोप चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में ज्यादा देखा जाएगा. बता दें कि यह भविष्यवाणी मॉडल जनसांख्यिकी में अंतर के कारण विभिन्न देशों के लिए अलग-अलग परिणाम देखा जाता है.
ओस्लो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निल्स ने कहा कि उम्र के साथ संक्रमण-मृत्यु अनुपात में उल्लेखनीय वृद्धि को देखते हुए, पुरानी जनसंख्या संरचनाओं वाले देशों में अपेक्षाकृत कम जनसंख्या संरचनाओं वाले देशों की तुलना में मृत्यु का एक बड़ा अंश होने की उम्मीद की जाएगी.
Posted By Ashish Lata