पटना. राज्य में एनएच व एसएच के तर्ज पर ग्रामीण सड़कों पर भी क्रैश बैरियर लगाये जायेंगे. इससे सड़क दुर्घटना के बाद गाड़ियां गड्ढे में लुढ़क कर नहीं जायेंगी. केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर लाइटिंग के साथ -साथ नेशनल व स्टेट हाइवे के किनारे बैरियर लगभग लगाया जा चुका है, जिससे सड़कों पर हुई दुर्घटना में जान-माल की काफी सुरक्षा हुई है.
ऐसे में परिवहन विभाग के साथ पिछले माह हुई अन्य विभागों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जल्द- से- जल्द ग्रामीण सड़कों पर भी क्रैश बैरियर लगाने का काम को पूरा कर लिया जाये.
परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पिछले महीने हुई समीक्षा बैठक में पाया गया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तहत नेशनल नेशनल हाइवे पर 2680 किमी सड़कों में 399 किलोमीटर सड़क दुर्घटना के लिए संवेदनशील है.इसमें से लगभग 300 किमी में क्रैश बैरियर लगाया जा चुका है,जबकि 100 किलोमीटर में क्रैश बैरियर लगाने का काम जारी है.
वहीं पथ निर्माण विभाग के अधीन 2686 किलोमीटर सड़कों में से 937 स्थानों को सड़क दुर्घटना के लिहाज से खतरनाक माना गया है. इसमें अब तक 700 से अधिक स्थानों पर क्रैश बैरियर लग चुके हैं, जबकि 200 स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाया जा रहा है.
राज्य में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौत नेशनल हाइवे पर ही होती है. राज्य में एनएच पर 59 प्रतिशत, एसएच पर 21 प्रतिशत तो बाकी तरह की सड़कों पर 30 प्रतिशत मौतें हो रही है.
इसी तरह ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन 93760 किलोमीटर सड़कों में से 1862 मीटर सड़कें दुर्घटना के लिहाज से खतरनाक हैं. इन स्थानों पर सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. इस कारण से समीक्षा बैठक के बाद ग्रामीण कार्य विभाग अब तक 400 मीटर में क्रैश बैरियर लगा चुका है, जबकि 1400 मीटर से अधिक बचे स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाएं जा रहे हैं.
मौजूदा वित्तीय वर्ष में ही बैरियर लगाने का काम पूरा कर लिया जायेगा. वहीं, पहले से लगाये गये क्रैश बैरियर की समीक्षा की गयी है. उसमें भी अब सुधार होगा, जो बैरियर पूरी तरह खराब हो गया होगा. उसे बदल कर नया लगाया जायेगा.
Posted by Ashish Jha