लोहरदगा : प्रखंड की उडुमुड़ू पंचायत की मुखिया व पंचायत सचिव राज्य सरकार का आदेश नहीं मानते हैं. सरकारी आदेशों का माखौल उड़ाते हुए दोनों ने जलमीनार निर्माण के बाद जलमीनार के पांच साल तक मेंटेनेंस करने के लिए आवंटित राशि को दूसरी योजना में खर्च कर दी. इतना ही नहीं जिला प्रशासन के आदेश पर तीन साल पूर्व लगायी गयी स्ट्रीट लाइट का तीन साल बाद भी भुगतान नहीं किया गया है.
दूसरी तरफ बैंक में जमा सरकारी राशि के ब्याज का पैसा भी खर्च कर दिया गया है. इससे वित्तीय अनियमितता व लापरवाही का मामला बताते हुए बीडीओ ने मुखिया व पंचायत सचिव से जवाब-तलब किये हैं. बताया जाता है कि 14वें वित्त आयोग की राशि से राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास के आदेश पर सभी पंचायतों में जलमीनार निर्माण के लिए तीन लाख, 84 हजार रुपये आवंटित किया गया था. योजना संचालन करने के पीछे राज्य सरकार की मंशा ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराना था.
योजना के तहत लाभुक समिति के माध्यम से जलमीनार का निर्माण करना था तथा जलमीनार का पांच साल तक मेंटेनेंस करने के लिए लगभग 62 हजार रुपये मेंटेनेंस के लिए आवंटित किया गया था. राज्य सरकार का आदेश था कि मेंटेनेंस का पैसा दूसरी योजना में किसी कीमत पर खर्च नहीं किया जायेगा. उड़ुमुडू पंचायत में 14वें वित्त आयोग की राशि से छह जलमीनार का निर्माण कराया गया है.
इन छह जलमीनार निर्माण मे मेंटेनेंस का पैसा लगभग तीन लाख, 60 हजार आवंटित था, लेकिन मुखिया ललिता उरांव व पंचायत सचिव जग्गू उरांव ने सरकारी आदेशों का माखौल उड़ाते हुए जलमीनार के मेंटेनेंस की राशि को दूसरी योजना में खर्च कर दिया. छह स्थानों पर जलमीनार निर्माण के बाद लगाया गया नलकूप टूटा हुआ है. उड़ुमुड़ू गांव में बना प्लेटफाॅर्म का दो नलकूप टूटा है. इसमें पानी की बर्बादी न हो इसके लिए रबर से जाम कर दिया गया है. सवाल उठता है कि जलमीनार खराब होने पर किस मद से जलमीनार की मरम्मत करायी जायेगी.