राज्य सरकार नियुक्ति में अब जिलावार क्षेत्रीय भाषा तय कर सकती है. सरकार के स्तर पर ही इसे तय करने पर विचार चल रहा है. पहले विभाग की नियमावली के तहत क्षेत्रीय भाषाअों को प्राथमिकता दी जाती थी. यानी विभाग के स्तर से सूची जारी होती थी. अब इसमें बदलाव हो जायेगा. इसके तहत जिन क्षेत्रों में जिस भाषा का प्रचलन अधिक है, वहां के लिए उसी भाषा को प्राथमिकता दी जायेगी और वहां के लिए उसी भाषा को तय कर दिया जायेगा. इस तरह झारखंड में बोली जानेवाली सारी भाषाओं को प्राथमिकता दी जा सकेगी. फिर नियुक्ति के लिए इन क्षेत्रीय भाषाअों की सूची जारी होगी. इससे झारखंड के युवाअों को लाभ मिलेगा.
सरकार इस पर जल्द निर्णय ले सकती है. कार्मिक विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. फिर इस पर मंत्रिपरिषद की बैठक से स्वीकृति ली जायेगी. इसके बाद जिलावार क्षेत्रीय भाषाअों की घोषणा हो जायेगी.
जानकारी के मुताबिक, हाल ही में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भोजपुरी, मगही और अंगिका आदि भाषाअों को भी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के अंतर्गत स्वीकृत क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में शामिल करने की मांग की थी. उन्होंने मुख्यमंत्री से इसकी मांग की थी. उनसे मिल कर एक अनुरोध पत्र भी दिया था.
Posted By : Sameer Oraon