राज्य के पारा शिक्षक अब सीमित आकलन परीक्षा देकर वेतनमान पा सकते हैं. परीक्षा पास नहीं करने पर भी शिक्षकों की सेवा बनी रहेगी. राज्य में बिहार की तर्ज पर पारा शिक्षकों को स्थायी करने पर सहमति बनी है. इसके लिए सीमित आकलन परीक्षा ली जायेगी. परीक्षा 100 अंकों की हो सकती है. इसमें पारा शिक्षक को तीन अवसर दिये जायेंगे. कोई शिक्षक अगर तीन परीक्षा में शामिल होने के बाद भी सफल नहीं होते हैं, तो उन्हें वेतनमान नहीं मिलेगा. हालांकि, वे शिक्षक के रूप में बने रहेंगे. उन्हें पूर्व की तरह मानदेय मिलता रहेगा.
बैठक में इस बात पर भी विचार किया गया कि टेट पास शिक्षकों को वेतनमान मिलेगा, वहीं सीमित आकलन परीक्षा होने तक टेट असफल पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी की जा सकती है. मानदेय में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है. इस पर अंतिम निर्णय 12 अगस्त को लिया जा सकता है. इसके लिए जल्द ही शिक्षा मंत्री विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. मानदेय में कितनी बढ़ोतरी की जाये व इससे होनेवाले वित्तीय भार का भी आकलन होगा.
किस राज्य की तर्ज पर स्थायीकरण व वेतनमान चाहते हैं: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने बताया कि बैठक में पारा शिक्षकों को ही यह अवसर दिया गया कि वे इस बात को तय करें कि किस राज्य की तर्ज पर स्थायीकरण व वेतनमान चाहते हैं. पारा शिक्षकों के विभिन्न संगठनों के निर्णय के अनुरूप ही बिहार की नियमावली की तर्ज पर झारखंड में भी नियमावली बनाने का निर्णय लिया गया है.
पारा शिक्षकों ने स्थगित किया आंदोल: एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने स्थायीकरण व वेतनमान की मांग को लेकर 15 अगस्त के बाद आंदोलन की घोषणा की थी. मोर्चा के संजय दूबे ने बताया कि शिक्षा मंत्री से वार्ता के बाद फिलहाल आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.
शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक: नियमावली को लेकर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा, झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक शैलेश चौरसिया, एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के विनोद बिहारी महतो, संजय दूबे, हृषिकेश पाठक, प्रमोद मंडल, सिंटू सिंह, झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ के रविकांत ितवारी, भागवत तिवारी व विकास चौधरी शामिल थे.
Posted by: Pritish Sahay