श्रीनगर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के कई जिलों में 46 स्थानों पर टेरर फंडिंग मामले में छापे मारे. इस छापेमारी में एनआईए के हाथ कई अहम दस्तावेज और डिजिटल उपकरण लगे हैं. एनआईए ने बताया कि बडगाम, राजौरी, डोडा, किश्तवाड़, अनंतनाग, शोपियां, गांदरबल, रामबन और बारामूला जिलों में एक साथ छापेमारी कर प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी कार्यकर्ताओं के परिसरों से कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किये गये.
2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे. दिल्ली के एनआईए अधिकारी भी छापेमारी में हिस्सा ले रहे हैं, जिसे जेईआई पदाधिकारियों पर सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक माना जाता है. अन्य लोगों में, गांदरबल में मनीगाम में गुल मोहम्मद युद्ध के घरों, जहूर अहमद ऋषि और मेहराज-उद-दीन ऋषि पर एनआईए द्वारा छापा मारा जा रहा है.
इस छापेमारी में जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है. करीब दो साल पहले केंद्र ने आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत धार्मिक समूह जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगाया था. केंद्र ने फरवरी 2019 में आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत इस आधार पर जमात-ए-इस्लामी को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया था कि वह आतंकवादी संगठनों के करीबी संपर्क में था.
अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से कुछ महीने पहले ही यह प्रतिबंध लगाया गया था. इसके बाद जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के सैकड़ों सदस्यों को गिरफ्तार किया गया. बता दें कि इस साल जम्मू एयरफोर्स एयरबेस पर हुए ड्रोन हमले के बाद पांच किलो आईईडी बरामद की गयी थी. इसमें भी इसी संगठन के हाथ का अंदेशा है.
इसी साल फरवरी महीने में दहशतगर्द हिदायतुल्लाह मलिक को गंग्याल से गिरफ्तार किया गया था. मलिक की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में कई आतंकी साजिशों का खुलासा हुआ है. मलिक ने जांच एजेंसी को टेरर फंडिंग के बारे में भी कई अहम जानकारी दी है. उसी के आधार पर एनआईए लगातार छापेमार कर आरोपियों को दबोचने की फिराक में है.
Posted By: Amlesh Nandan.