परिवार को सही दिशा में ले जाकर परिवार को बेहतर बनाने में महिलाओं की अहम भूमिका होती है. यह कथन सच कर दिखाया है कुड़ू प्रखंड के कुड़ू डोरोटोली की रहनेवाली 38 वर्षीय कमला देवी (पति- हरेेद्र मुंडा) ने. कमला ने परिवार की तंगहाली को देखते हुए सड़क के किनारे बैठ कर शराब बेच कर कुछ पैसा कमाने लगी.
शराब बेच कर पैसा कमाना व परिवार चलाना उसको उचित नहीं लगा. इसके बाद वह महिला समूह से जुड़ कर परिवार का भरण-पोषण करने की सोची. फिलहाल कमला देवी हड़िया दारू बेचना छोड़ कर बांस से बनने वाली सामान बना रही है. उससे उसे अच्छी आमदनी भी हो रही है. साथ ही कमला सुकून भरी जिंदगी जी रही है. कमला बताती है कि ससुराल में उसकी पुस्तैनी जमीन भी है. इससे भी वह खेती कर आमदनी कमा रही है.
कमला बताती है कि स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद बैंक से उसे 50 हजार रुपये की राशि मिली. इसके बाद उसने बांस से बनी वस्तुओं का निर्माण करने लगी और व्यापार शुरू किया. आज वह खुद जमीन खरीद कर घर बना कर रह रही है. वह बताती है कि कठिन परिस्थिति में भी वह हड़िया-दारू बेचना छोड़ कर बेहतर जिंदगी जीने की सोच रखी है.
आज उसके पति भी उसके साथ है. शराब पीकर रात में हल्ला-गुल्ला करने वाला हरेंद्र आज पत्नी के व्यापार में सहयोग कर रहा है. कमला बताती है कि महिला समूह से जुड़ने के बाद वह कार्यालयों में जाने लगी है, जिससे जेएसपीएसएल से जुड़ी और बैंक से एक लाख रुपये का लोन लिया. इसके बाद छोटी सी दुकान खोली. आज वह अपनी दुकान भी चलाती है और बांस से बनने वाली समान भी बनाती है.
बांस से बनी वस्तुएं उसकी दुकान में उपलब्ध रहने के कारण आसपास के लोग जरूरत के हिसाब से पहुंचते है और खरीदारी करते हैं. इससे उसे दोहरा मुनाफा हो रहा है. कमला शराब मुक्ति को लेकर लोगों को प्रेरित करने का भी काम कर रही है. कुड़ू प्रखंड से शुरू हुए नशामुक्ति अभियान में वह शामिल हुई थी. आज वह अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छी तरीके से कर रही है. कमला आसपास के महिलाओं के लिए प्रेरणाश्रोत बन चुकी है.