पटना. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार स्वास्थ्य सेवा (नियुक्ति एवं सेवा शर्त ) (संशोधन) नियमावली -2021 के गठन को मंजूरी दे दी गयी है. इस नियमावली के प्रभावी होने पर अब विदेश से पढ़ कर भारत या बिहार लौटने वाले चिकित्सकों के मेधा निर्धारित की जायेगी. पूर्व में विदेश से पास कर बिहार लौटने वाले डाॅक्टरों के विदेशी विश्वविद्यालयों द्वारा दिये गये प्राप्तांक के प्रतिशत का आधा मान्य किया जाता था.
जैसे किसी व्यक्ति को विदेश में पढ़ने पर वहां के विश्वविद्यालय द्वारा 90 प्रतिशत अंक दिया जाता था, तो बिहार में वैसे चिकित्सक की नियुक्ति में 45 प्रतिशत ही मान्य होता था. नयी नियमावली में प्रावधान किया गया है कि विदेश से चिकित्सक की डिग्री लेनेवाले छात्रों का नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) द्वारा ली गयी परीक्षा में प्राप्त अंक के प्रतिशत को ही बिहार सरकार नियुक्ति का प्रतिशत स्वीकार करेगी.
एनएमसी में किसी विदेशी डिग्रीधारी चिकित्सक को 50 प्रतिशत अंक मिलता है, तो उतना ही अंक राज्य सरकार भी मान्य करेगी. कैबिनेट की ओर से राज्य के कर्मियों एवं उनके आश्रितों के चिकित्सा व्यय की प्रतिपूर्ति को भी स्वीकृत किया गया. भोजपुर जिला के सदर अस्पताल आरा की चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ कुसुम सिन्हा को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गयी है.
मधुबनी सिविल सर्जन कार्यालय में पदस्थापित तत्कालीन चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ उदय शंकर को लगातार अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के आरोप में सेवा से बर्खास्त करने पर सहमति दी गयी. बिहार कारा चालक संवर्ग नियमावली -2021 के गठन को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है.
बिहार सुधारात्मक प्रशासनिक संस्थान, हाजीपुर में प्रशिक्षण कार्य के लिए प्रतिनियुक्त प्रशिक्षकों को उनके मूल वेतन का 12 प्रतिशत प्रशिक्षण भत्ता दिया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग में काम करनेवाले इंटरमीडिएट (विज्ञान) के साथ डिप्लोमाधारी ओटी असिस्टेंट का वेतन स्तर -5 एवं प्रोन्नति के पद ओटी सहायक पर्यवेक्षक का वेतन स्तर -6 की स्वीकृति दी गयी.
Posted by Ashish Jha