अपनी सुरीली आवाज से फैंस के दिलों पर राज करने वाले सुरेश वाडेकर (Suresh Wadkar) आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं. ‘सीने में जलन’, ‘मेघा रे मेघा रे’ और ‘मैं हू प्रेम रोगी’ जैसे गानें में अपनी आवाज दे चुकें सुरेश वाडेकर की जिंदगी से जुड़ा एक दिलचस्प वाक्या है.
एक बार सिंगर के लिए एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित का रिश्ता आया था. माधुरी के एक पारिवारिक मित्र ने सजेस्ट किया कि सुरेश वाडकर के लिए लड़की देखी जा रही है और माधुरी उनके लिए परफेक्ट रहेगी. माधुरी के माता-पिता ने रिश्ता सुरेश वाडकर के घर भिजवाया, लेकिन सुरेश ने वो रिश्ता करने से मना कर दिया.
रिजेक्ट कर दी गईं थी माधुरी
जब रिश्ते की बात करने परिवार के सदस्य सुरेश वाडेकर के घर गए तो सुरेश ने एक बार माधुरी से मिलने की इच्छा जताई. माधुरी को देखने के बाद वाडेकर परिवार ने यह कह रिजेक्ट कर दिया कि लड़की बहुत दुबली है. इस रिश्ते के टूटने से माधुरी के माता-पिता बेहद दुखी हुए..लेकिन कहीं ना कहीं माधुरी इससे बेहद खुश हुई होंगी क्योंकि इसी रिश्ते के टूटने के बाद माधुरी को उनके घरवालों ने फिल्मों में काम करने की इजाजत दी.
ऐसे शुरू हुआ फिल्मी करियर
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने सुरेश को 1981 की फिल्म ‘क्रोधी’ में ‘चल चमेली बाग में’ वाले गाने को लता जी के साथ गाने का मौका दिया था. ‘प्यासा सावन’ का गीत ‘मेघा रे मेघा रे गीत में भी उन्हें लता मंगेशकर का साथ मिला. इसके बाद 90 के दशक में आई दिल का गीत ओ प्रिया प्रिया में उन्होंने अपनी ईआवाज दी थी. 1996 की ‘माचिस’ में उनसे ‘छोड़ आए हम’ और ‘चप्पा चप्पा चरखा चले’ जैसे गीत गवाए. विशाल भारद्वाज के साथ सुरेश ने फिल्म ‘सत्या’ और ‘ओमकारा’ में कुछ बेहद अनोखे गाने गाए.
सम्मान और पुरस्कार
वर्ष 2007 में महाराष्ट्र सरकार ने सुरेश वाडेकर को ‘महाराष्ट्र प्राइड अवार्ड’ से सम्मानित किया था और साल 2011 में उन्हें मराठी फिल्म ‘ई एम सिंधुताई सपकल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ गायक का ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’ मिला. मध्य प्रदेश में उन्हें प्रतिष्ठित ‘राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान’ से भी सम्मानित किया गया था. सुरेश वाडेकर को 2020 में ‘पद्मश्री’ से भी नवाजा गया.
Posted By: Shaurya Punj