पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 19 एजेंडों पर सहमति दी गयी. कैबिनेट ने राज्य में निबंधित परिवहन वाले वाहनों और गैर परिवहन वाले वाहनों के टैक्स डिफॉल्टर वाहन मालिकों को बड़ी राहत दी है. अब ऐसे वाहन मालिक एक मुश्त रोड टैक्स जमा करने पर उनपर लगने वाले जुर्माने और ब्याज से छूट दी गयी है. ऐसे वाहनों में ट्रैक्टर-ट्रेलर , बैट्री चालित यान को रोड टैक्स और ग्रीन टैक्स से एक मुश्त राशि जमा कराने पर राहत दी गयी है.
साथ ही वाहन के व्यावसायियों द्वारा बकाये व्यापार कर और अस्थायी निबंधन की फीस को एकमुश्त जमा कराने पर उस पर लगनेवाले अर्थदंड और ब्याज से छूट दे दी गयी है. पूर्व में ऐसा करने पर जुर्माने के रूप में 200 प्रतिशत तक दंड और 12 प्रतिशत ब्याज की राशि देनी पड़ती थी. कैबिनेट ने ऐसे वाहन मालिकों को कोविड 19 के कारण लागू लॉक डाउन और प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए यह राहत दी गयी है.
पटना में गंगा नदी किनारे निर्मित होनेवाले दीघा से दीदारगंज तक जेपी गंगा पथ के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने दो हजार करोड़ के कर्ज की गारंटी दी है. दीघा से दीदारगंज गंगा पथ की लंबाई कुल 20.5 किमी है.
इस पथ के निर्माण के लिए राज्य कैबिनेट ने हाउसिंग एंड अरबन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड हुडको से पथ निर्माण विभाग को दो हजार करोड़ के कर्ज प्राप्त करने और प्राप्त होनेवाले कर्ज की ब्याज सहित वापसी की गारंटी दी है. इसकी लागत 3390 करोड़ है, जिसमें से 1390 करोड़ राशि राज्य सरकार के संसाधनों से उपयोग किये जा चुके हैं.
कैबिनेट ने वाहन दुर्घटना में पीड़ित या मृतक के आश्रितों को भी त्वरित मुआवजे की राशि निर्धारित करने और अंतरिम मुआवजा भुगतान के लिए बिहार मोटरयान नियमावली 1992 और बिहार मोटर वाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण नियमावली 1961 में संशोधन कर दिया है. अब वाहन दुर्घटना में एक भी व्यक्ति की मौत पर पांच लाख का मुआवजा दिया जायेगा. इसके लिए सरकार ने 50 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड भी तैयार कर दिया है.
इसके अलावा राज्य में 15 वर्ष से पुराने वाहनों का निबंधन रद्द कराने के साथ उसे नष्ट करने पर लगने वाले अर्थदंड में भी राहत दी गयी है. ऐसे वाहनों को नष्ट करने और निबंधन कराने के लिए परिवहन विभाग की 30 जून 2020 द्वारा एक वर्ष की अवधि के लिए दिये गये सर्वक्षमा को पूर्व की शर्तों के अनुरूप ही अगले एक वर्ष के लिए विस्तारित करने की सहमति दे दी गयी.
कैबिनेट ने छठे वित्त आयोग द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में गयी अनुशंसाओं को लागू करने की भी सहमति दे दी. छठे वित्त आयोग की अनुशंसा पर राज्य कर के हिस्से में से पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों को निर्धारित राशि दी जाती है.कैबिनेट ने राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृति योजना में पारिवारिक वार्षिक आय को डेढ़ लाख से बढ़ा कर ढाई लाख कर दी है.
Posted by Ashish Jha