बिहार में लगातार बारिश से कमला बलान, बूढी गंडक सहित करीब डेढ़ दर्जन छोटी नदियां लाल निशान के पार बह रही हैं. साथ ही जलाशय भी लबालब भर चुके हैं. दूसरी तरफ गंगा, कोसी, गंडक, बूढ़ी गंडक, कमला और बागमती नदियों भी कई जगह खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इससे एक तरफ बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. वहीं दूसरी तरफ छोटी नदियों और जलाशयों में भरपूर पानी आने का तुरंत फायदा धान और मक्के की खेती को मिल रहा है. साथ ही ग्राउंड वाटर लेवल में भी बढ़ोतरी की संभावना है.
सूत्रों के अनुसार बिहार में करीब 50 प्रमुख छोटी नदियां हैं. अब तक की बारिश से इनमें से कुछ नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं. इनमें से समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर प्रखंड और वैशाली जिले के गरौल प्रखंड में वाया नदी, समस्तीपुर जिले के शिवाजी नगर प्रखंड में करेह बागमती, दरभंगा में अधवारा नदी खतरे के निशान से लगातार ऊपर बह रहा है.
नीतीश कुमार ने किया था हवाई सर्वेक्षण– वहीं बाढ़ की हालात को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना, नालंदा, गया और जहानाबाद जिले में हवाई सर्वे किया था. सर्वेक्षण के बाद सीएम ने कहा कि हमने संबंधित जिला अधिकारी से मुआयना कर स्थिति को कंट्रोल करने के लिए प्लान बनाने का निर्देश दे दिया है.
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ग्राउंड वाटर लेवल में सुधार की संभावना- गर्मी के मौसम में राज्य के अलग-अलग हिस्सों में ग्राउंड वाटर लेवल में कमी हो जाती थी. राज्य के करीब 103 प्रखंड क्रिटिकल जोन में चले गये थे. जल-जीवन-हरियाली अभियान में पिछले साल काम की वजह से इसमें सुधार दिखा. इस बार की बारिश और नदियों व तालाबों के लबालब भरने से इसका असर ग्राउंड वाटर लेवल पर भी पड़ेगा. इसमें सुधार की संभावना है.