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लोहरदगा में प्रशासनिक लापरवाही व जनप्रतिनिधियों के उपेक्षित रवैया से लोग नाराज, श्रमदान कर बनायी बांस की पुल

पचंबा बांध में पुलिया सह बांध पिछले एक दशक पूर्व अत्यधिक बारिश के बाद टूट गयी थी. इससे लोगों को परेशानी हो रही थी

प्रशासनिक अधिकारियों व स्थानीय जनप्रतिनिधियों के दरबार में हाजिरी लगाने के बावजूद टूटे पचंबा बांध की पुलिया नहीं बनी. पुलिया नहीं बनने से सलगी पंचायत के तीन गांवों के ग्रामीणों को पंचायत सचिवालय व प्रखंड मुख्यालय आने-जाने में परेशानी होने लगी. इसके बाद ग्रामीणों ने प्रशासनिक उपेक्षा से नाराज होकर श्रमदान से पचंबा बांध में बांस की पुलिया बना ली. बताया जाता है कि पचंबा बांध में पुलिया सह बांध पिछले एक दशक पूर्व अत्यधिक बारिश के बाद टूट गयी थी.

बांध सह पुलिया टूटने से सलगी पंचायत के रिझीटांड़, काशीटांड़, खम्हार किस्को प्रखंड के नाथपुर, सलैया अंबाटोली, तिसिया, हुटाप समेत अन्य गांवों के ग्रामीणों को सलगी पंचायत व सलगी बाजार आने-जाने में परेशानी हो रही थी. कुड़ू प्रखंड की सलगी पंचायत के तीन गांवों के ग्रामीण पंचायत प्रखंड व जिला मुख्यालय से बरसात में कट कर टापू बन जाते थे. बरसात होते कुड़ू प्रखंड के तीनों गांव के ग्रामीणों घरों में कैद होकर रह जाते थे. ग्रामीणों ने इस परेशानी को देखते हुए जिला प्रशासन के हुक्मरानों से लेकर स्थानीय विधायक सह मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव सांसद सुदर्शन भगत से लेकर चार साल पूर्व सलगी पहुंचे. तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को लिखित रूप से अवगत कराये थे. ग्रामीणों की मांग कर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तत्कालीन उपायुक्त विनोद कुमार को तत्काल पचंबा बांध में पुलिया सह बांध निर्माण कराने का निर्देश दिये थे.

मुख्यमंत्री के लोहरदगा से रांची लौटते मामला फाइलों में दफन होकर रह गया. निवर्तमान उपायुक्त आकांक्षा रंजन के नेतृत्व में सलगी पंचायत में जनता दरबार का आयोजन किया गया था, उस समय भी ग्रामीणों ने लिखित आवेदन देकर मामले से उपायुक्त को अवगत कराया था. उपायुक्त ने मुखिया को काम चलने लायक पुलिया निर्माण का आदेश दिये थे, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा. पिछले चार दिनों तक हुई बारिश से पचंबा बांध में मिट्टी का कटाव अधिक हो गया तथा सड़क कीचड़ युक्त हो गयी. इससे इस कच्ची सड़क पर दोपहिया वाहन व साइकिल चलाना तो दूर पैदल चलना दूभर हो गया. प्रशासनिक उपेक्षा से अजीज आकर ग्रामीणों सोमरा उरांव, नरेंद्र तिग्गा, नितेश उरांव, अमीन साहू, सुरेंद्र उरांव, मनोज साहू, राजेश उरांव, भुगलू उरांव, झिरगू उरांव, रौशन तिग्गा, उमेश साहू, सुनील उरांव, पंकज उरांव, सोनू उरांव, राजू साहू, संदीप उरांव, संजू साहू समेत रिझीटांड़, काशीटांड़, खम्हार समेत अन्य गांवों के ग्रामीणों ने तीन दिनों तक लगातार श्रमदान करते हुए गुरुवार को बांस की पुलिया निर्माण को अंजाम तक पहुंचा दिया.

ग्रामीणों ने बताया का पचंबा बांध की टूटी पुलिया नेताओं के लिए फोटो खिंचाने के साधन बन गया था. उपायुक्त से लेकर बीडीओ तक, विधायक से लेकर मंत्री तक तथा मुख्यमंत्री से लेकर मुखिया तक को अवगत करायें, लेकिन पुलिया व सड़क बनना तो दूर कहीं से कोई पहल तक नहीं हुई. इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने श्रमदान कर बांस का पुलिया बनाने का निर्णय लिया तथा तीन दिनों के मेहनत के बाद गुरुवार को पुलिया का निर्माण करा लिया गया. बांस की पुलिया बनने से किसान, छात्र-छात्राएं तथा ग्रामीण सलगी पंचायत सचिवालय तथा बाजार आ जा सकते हैं. किसानों को सब्जी फसल बाजार तक पहुंचाने में परेशानी नहीं होगी.

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