असम और मिजोरम के बीच जारी सीमा विवाद खत्म होने के आसार हैं. गुरुवार को दोनों राज्य के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की है और इस मसले को सुलझाने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत की है. संबंध और बेहतर करने के लिए असम सरकार ने मिजोरम के खिलाफ जारी किये गये परामर्थ को रद्द किया है. इस फैसले से दोनों राज्यों के रिश्तों में सुधार की संभावना है.
दोनों राज्यों ने सीमा विवाद को लेकर साझा बयान भी जारी किया है . इस बयान में सीमा क्षेत्रों में शांति कायम रखने को सहमत हुई हैं. दोनों राज्यों ने केंद्र सरकार न्यूट्रल बल की तैनाती का भी स्वागत किया है.
दोनों राज्यों ने इस पर भी सहमति बनायी है कि वह अपने – अपने राज्यों के पुलिस बल को गश्त करने, वर्चस्व स्थापित करने और प्रवर्तन के लिए नहीं भेजेंगे. जिन स्थानों पर टकराव हुआ है वहां नये सिरे से बलों की तैनाती की जायेगी. इनमें मुख्य रुप से असम में करीमगंज, हैलाकांडी और कछार जिलों तथा मिजोरम के मामित और कोलासिब जिलों में असम-मिजोरम सीमा से सटे इलाके शामिल हैं.
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असम और मिजोरम राज्य के संयुक्त बयान पर सीमा सुरक्षा एवं विकास मंत्री अतुल बोरा और मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलीयाना ने हस्ताक्षर किए हैं. असम और मिजोरम सरकारों के छह प्रतिनिधि असम और मिजोरम में, खासतौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे लोगों के बीच शांति और सौहार्द्र को बढ़ावा देने तथा उन्हें कायम रखने के लिए सभी जरूरी उपाय किये गये हैं. असम और मिजोरम में जारी हिंसा की वजह से असम के पांच पुलिसकर्मी समेत छह लोग मारे गए थे. इस हिंसा में 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे.