Jharkhand News रांची : डीवीसी और एनटीपीसी के बकाये भुगतान की राशि झारखंड सरकार अब खुद ही भरेगी. इसके लिए जो सब्सिडी झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) को दी जा रही थी, वह राशि अब डीवीसी-एनटीपीसी को दी जायेगी. इस प्रस्ताव पर कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 2072 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे कोषागार से करने की स्वीकृति प्रदान करते हुए इसकी सूचना महालेखाकार झारखंड को दी है.
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार ने लिखा है कि राज्य सरकार द्वारा जेबीवीएनएल को उपभोक्ता सब्सिडी की राशि दी जाने के बावजूद प्रति माह 100-175 करोड़ रुपये घाटा रह जाता है. इस कारण विद्युत उत्पादक कंपनियों के बिल की बड़ी राशि जमा हो जाती है. जिस पर लेट फाइन भी होता रहता है. प्रधान सचिव ने लिखा है कि त्रिपक्षीय एकरारनामा के प्रावधानों के आलोक में डीवीसी का बकाया भुगतान नहीं होने की स्थिति भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा राज्य सरकार के खाते से असामयिक राशि की कटौती कर ली जाती है.
प्रधान सचिव ने लिखा है कि राज्य सरकार के निर्णय आलोक में जेबीवीएनएल द्वारा विभिन्न श्रेणियों के उपभोक्ताओं को बिल के समय सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं की सब्सिडी की राशि 1536 करोड़ रुपये आंकी गयी थी.
जिसमें 1000 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा प्रदान की गयी थी. इसी तरह वित्तीय वर्ष 21-22 में पूर्व के वर्ष की सब्सिडी की शेष राशि 536 करोड़ रुपये और 1536 करोड़ रुपये कुल 2072 करोड़ रुपये होता है. प्रधान सचिव ने लिखा है कि सरकार के फैसले के अनुसार डीवीसी को प्रतिमाह 100 करोड़ रुपये की दर से 12 महीनों तक तथा एनटीपीसी को प्रतिमाह 72.67 करोड़ रुपये की दर से भुगतान किया जायेगा.
Posted By : Sameer Oraon