पटना. राज्य की सड़क समेत ऐसे अन्य निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार या कंपनी अपनी आवश्यकता से ज्यादा बिटुमिनस (अलकतरा) का उठाव कर रहे हैं. इसके बाद इस अतिरिक्त बिटुमिनस की सप्लाइ फर्जी कंपनियों के नाम पर विदेश तक में कर दी जा रही है. इस पूरी अवैध सप्लाइ चेन में करोड़ों की जीएसटी की गड़बड़ी शामिल है.
एक फर्जी या शेल कंपनियों के माध्यम से इनकी खरीद और फिर ऐसी दूसरी फर्जी कंपनियों को इसकी सप्लाइ कर दी जाती है. इन फर्जी कंपनियों के माध्यम से गलत जीएसटी बिल जेनरेट करके टैक्स की चोरी कर ली जाती है. बिटुमिनस तस्करी का यह मामला इन दिनों बड़े स्तर हो रहा है. सेंट्रल जीएसटी की जांच में इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है और इससे संबंधित कई अहम बातें सामने आयी हैं.
फिलहाल इस पूरे मामले की गहन तफ्तीश में जीएसटी की इंटेलिजेंस टीम जुटी हुई है. इसके पूरे नेक्सस पर जल्द ही व्यापक स्तर पर छापेमारी करके आगे की कार्रवाई की जायेगी. अब तक हुई जांच के मुताबिक बिटुमिनस की इस खेप की तस्करी सबसे ज्यादा नेपाल, भूटान, म्यांमार व बांग्लादेश समेत अन्य पड़ोसी देशों में होती है.
फर्जी कंपनी के आधार पर सभी कागजात को बनाकर यहां से यह विदेश भेज दिया जाता है. फर्जी कंपनी के कागजात होने की वजह से रास्ते में इसे पकड़ना संभव नहीं होता है. बाद में जब इन कंपनियों के एक्सपोर्ट के आधार पर इनका जीएसटी रिटर्न फाइल चेक किया जाता है, तो न कंपनी का पता चलता है और न ही टैक्स की अदायगी ही दिखती है.
इन शेल कंपनियों का फर्जी नाम और पता होने के कारण इनकी कोई खोज-खबर भी नहीं मिल पाती है. इस तरह से इस माल की बाहर तस्करी भी हो जाती है और टैक्स की भी चपत लग जाती है. सेंट्रल जीएसटी की इंटेलिजेंस विंग इन फर्जी कंपनियों के सोर्स और इन्हें बनाने वाले सीए की भी पड़ताल चल रही है.
कंपनियों के खाते ऑपरेट करने वाले और इन खातों से जिन-जिन खातों में लेन-देन हुआ है, उनकी जांच करके इन फर्जी कंपनियों को चलाने वाले सही लोगों को दबोचने की जुगत चल रही है. इस मामले में बिहार जीएसटी के प्रभारी प्रधान आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि इस तरह के मामले सामने आये हैं, जिन पर कार्रवाई हुई है. ऐसी कई फर्जी कंपनियों पर कार्रवाई लगातार हो रही है. फिलहाल ऐसी कई कंपनियों की अभी जांच जारी है. इसमें गड़बड़ पाये जाने वाली सभी कंपनियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.
Posted by Ashish Jha