कोलकाता/नयी दिल्ली: राज्यसभा में हंगामा करने वाले तृणमूल कांग्रेस के 6 सांसदों को सस्पेंड (Six TMC MP Suspended) कर दिया गया है. पेगासस (Pegasus Issue) के मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित कर रहे इन सांसदों को संसद से बाहर जाने के निर्देश दिये गये. राज्यसभा के सभापति की इस कार्रवाई पर टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (TMC Leader Abhishek Banerjee) ने ट्वीट करके कहा कि ऐसा लगता है कि 56 इंच के सीना वाले गॉडफादर ने हार मान ली है.
निलंबित किये गये सांसदों के नाम डोला सेन, मोहम्मद नदीमुल हक, अबीर रंजन विश्वास, शांता छेत्री, अर्पिता घोष और मौसम नूर हैं. ये सभी पोस्टर लेकर उच्च सदन के वेल में पहुंच गये और सभापति के आदेश की अवहेलना की. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के सांसदों को अनुचित व्यवहार करने की वजह से रूल 255 के तहत सभापति ने सदन से बाहर चले जाने के लिए कहा.
बुधवार को जैसे ही संसद (Parliament) के मानसून सत्र (Monsoon Session) की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष के सदस्यों ने पेगासस के मुद्दे (Pegasus Issue) पर बहस की मांग करनी शुरू कर दी. इनका आरोप था कि विरोधी दलों के नेताओं, सरकार के आलोचकों और पत्रकारों की जासूसी के लिए इस पेगासस स्पाईवेयर (Pegasus Spyware) का इस्तेमाल किया गया. राज्यसभा में भी ऐसे ही हालात थे.
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दिनेश त्रिवेदी की जगह राज्यसभा के लिए चुने गये तृणमूल कांग्रेस के नवनिर्वाचित सदस्य जवाहर सरकार ने बुधवार को उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली. इसके बाद सदन के पटल पर आधिकारिक दस्तावेज रखे गये. इसके बाद राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के रामगपोला यादव और माकपा के विशंभर प्रसाद निषाद ने कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन पर रूल 267 के तहत दिये गये नोटिस को को स्वीकार नहीं किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि दूसरे रूल के तहत इस मुद्दे पर चर्चा को उन्होंने मंजूरी दे दी है.
बता दें कि रूल 267 के तहत अगर नोटिस को स्वीकार किया जाता है, तो दिन भर की कार्यवाही को दरकिनार कर उस मुद्दे को सदन में उठाया जाता है. वेंकैया नायडू ने रूल 267 के तहत दिये गये टीएमसी, कांग्रेस, माकपा और भाकपा के सांसदों के नोटिस को नामंजूर कर दिया. यह नोटिस सुखेंदु शेखर रॉय (टीएमसी), मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस), एलामारम करीम (सीपीएम) और वी सिवासदन और विनय विश्वम (सीपीआई) ने पेगासस के मुद्दे पर 267 के तहत कार्यस्थगन का नोटिस दिया था.
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन के मुद्दे पर सहमति है. साथ ही महंगाई, आर्थिक स्थिति पर भी चर्चा पर सहमति है. सरकार ने भी इन मुद्दों पर चर्चा की इच्छा जतायी है. हमें किसानों के मुद्दे के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था और महंगाई के मुद्दे पर भी चर्चा करनी चाहिए.
सभापति के इतना कहने के बाद टीएमसी के सांसदों ने उच्च सदन में नारेबाजी शुरू कर दी. कुछ सांसद झुंड बनाकर वेल में आ गये और पोस्टर लहराकर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे. फलस्वरूप सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी.
बार-बार समझाने के बाद भी जब टीएमसी के सांसद अपनी सीट पर नहीं लौटे, तो वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन में पोस्टर लेकर आने के लिए उनके खिलाफ रूल 255 के तहत कार्रवाई होगी. लेकिन, सांसद ने सभापति के आदेश को नहीं माना और प्रदर्शन करते रहे. सभापति ने सांसदों का नाम लिये बगैर 6 सांसदों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया. बाद में राज्यसभा सचिवालय ने निलंबित 6 सांसदों के नाम जारी किये.
The crackdown on our MPs clearly indicates that @BJP4India's 56-inch GODFATHER has CONCEDED DEFEAT!
YOU CAN SUSPEND US BUT YOU CANNOT SILENCE US!
We will not budge an inch to fight for our people & to fight for the truth.Until the last drop of our blood –
BRING IT ON! pic.twitter.com/7MvM6saDIH— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) August 4, 2021
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी की तीखी प्रतिक्रिया
टीएमसी सांसदों के खिलाफ हुई कार्रवाई पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने तीखा प्रतिक्रिया दी. डायमंड हार्बर से लोकसभा के सांसद अभिषेक बनर्जी ने ट्विटर पर अपने गुस्से का इजहार किया. उन्होंने कहा कि हमारे सांसदों के खिलाफ कार्रवाई स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी के 56 इंच के सीना वाले गॉडफादर ने हार स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा कि आप हमें सस्पेंड कर सकते हैं, लेकिन हमारी आवाज को नहीं दबा सकते. जनता के लिए हम लड़ते रहेंगे. हम एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे. जब तक हमारा खून का एक भी कतरा बचा हुआ है, हम सच्चाई की लड़ाई लड़ते रहेंगे.
Posted By: Mithilesh Jha