12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

तीन कृषि कानूनों पर राज्यसभा में चर्चा कराने के लिए वेंकैया नायडू ने दे दी इजाजत, सदन में विपक्ष का विरोध जारी

सभापति नायडू ने कहा कि जो सांसद इसका विरोध कर रहे हैं और हाथों में तख्तियां लिये हुए हैं, उन्हें सदन छोड़ देना चाहिए.

नई दिल्ली : राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को उच्च सदन में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों पर चर्चा करने की इजाजत दे दी. बावजूद इसके विपक्ष की ओर से राज्यसभा में हंगामा और सदन की कार्यवाही में गतिरोध जारी रहा. विपक्षी दलों का आरोप है कि राज्यसभा के सभापति ने कृषि कानूनों पर चर्चा कराने की अनुमति दे तो दी, लेकिन यह नियमों के तहत नहीं है.

राज्यसभा के सभापति नायडू के फैसले से नाराज विपक्षी दलों के सांसदों की सदन में नारेबाजी जारी रही. सभापति नायडू ने कहा कि जो सांसद इसका विरोध कर रहे हैं और हाथों में तख्तियां लिये हुए हैं, उन्हें सदन छोड़ देना चाहिए. सभापति की इस चेतावनी के बाद भी उनका हंगामा जारी रहा. नतीजतन, सभापति को सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित करना पड़ा.

हालांकि, विपक्षी सांसदों ने कृषि कानूनों के बाद पेगासस मुद्दे पर भी सदन में चर्चा कराने की मांग की, लेकिन सभापति ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया है. विपक्षी सांसदों का आरोप हैं सरकार संसद को कमजोर कर रही है. इस बीच, सभापति नायडू ने कहा कि मंगलवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में किए गए फैसलों के बाद विधेयकों पर बहस के लिए स्थान आवंटित किया गया है.

बता दें कि कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने बुधवार को एक बार फिर सरकार से अपील की है कि वह संसदीय लोकतंत्र का सम्मान करे और पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा कराए. इन दलों ने एक संयुक्त बयान जारी कर सरकार पर विपक्ष के खिलाफ दुष्प्रचार करने और अहंकार दिखाने का आरोप लगाया. विपक्षी दलों ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि संसद में पेगासस जासूसी मामले पर चर्चा के तत्काल बाद किसानों और तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कराई जाए.

राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, द्रमुक के टीआर बालू, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, शिवसेना के संजय राउत, राजद के मनोज झा, माकपा के ई. करीम, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, नेशनल कांफ्रेंस के हसनैन मसूदी, भाकपा के विनय विश्वम, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन और लोकतांत्रिक जनता दल के एमवी श्रेयांश कुमार की ओर से यह बयान जारी किया गया है.

इस संयुक्त बयान में कहा गया है कि विपक्षी पार्टियां इस मांग को लेकर अडिग और एकजुट हैं कि पेगासस मामले पर संसद में चर्चा हो और गृह मंत्री इसका जवाब दें, क्योंकि इस मामले से राष्ट्रीय सुरक्षा के आयाम जुड़े हैं. विपक्षी दलों ने यह भी कहा कि पेगासस पर चर्चा के ठीक बाद किसानों के मुद्दों और तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को लेकर चर्चा कराई जाए.

Also Read: टिकैत से मुलाकात के बाद मोदी सरकार के खिलाफ ममता ने खोला मोर्चा, कहा- कृषि कानून वापस लेना ही होगा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें